Pakshi aur paryavaran par essay
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van keval prani ko khane ke liye hi nahi he balki vah kuch ke liye apna ghar he jaha voh rahta he. van pakshi ko bhi khana deta hai par pakshi ke liye bhi ghar hi he.van ke kai tarah se hamari madad karta he jaise voh barish ke liye javabdeh hai.van hamare liye bahut madadrup hai par ajkal ham ( manushya) apni jarurat aur upyog ke liye van ko kat ne lage jisse bahut sari samasya khdi kar khadi hote hai jaise sarvabhom tapan ( global warming) jo puri doniya ke liye ek charcha ban gai he. van katne ke liye bahut sare karan he jaise furniture banane ke liye , dava banane ke liye , aur ped jaise rubber wood jisse rubber milta he.
agar ped kat te hi gaye aur agar yah ruka nahi ek din aaisa ayega jab koi bhi ped ka van nahi bache ga jiski vajah se sarvabhom tapan bahut badh jaye ga jab ham( manushaya) ise vash me nahi kar payenge.agar global warming badha toh hamari pruthvi tapman bhi badh jayega jisse hamare vatavaran me farak aa jayega.hamara vatavaran me sthirta nahi rahi hogi aur koi bhi din koi bhi vatavaran hoga jo manushya ke liye hanikarak he.
isliye ham van katenge to usme hamara hi lop( loss) hoga.isliye hame van bhachane chahiye..."van bache to jane(life) bhache"
i dont know whether this will helps you or not......but from my side "hope it helps"
पक्षी और पर्यावरण
आज के इस आधुनिक युग में हम विकास की राह पर इतने तेजी से बढ़ रहे हैं। कि हम हमारे वातावरण को कई प्रकार से नुकसान पहुंचा रहे हैं। जिससे हमारे पर्यावरण में कई तरह की उथल-पुथल मच गई है। प्रदूषण बड़ गया है जिसका असर इन्सानों के साथ - साथ पक्षियों पर भी हो रहा है जो पक्षी हमारे पर्यावरण के लिए आवश्यक हैं। उनकी संख्या में निरंतर कमी आती जा रही है। यदि हम आज से कुछ समय पहले देखे तो हमारा वातावरण कितना स्वच्छ था। एवं हमारे चारों तरफ पक्षियों की चह चाहट सुनाई देती थी।
अब हमें पक्षियों को देखने के लिए चिड़ियाघर की ओर रुख करना पड़ता है। आज के इस युग मैं पक्षियों का जीवन व्यतीत करना दूभर हो गया है। क्योंकि पक्षियों को रहने के लिए ना तो अब पेड़ बचे हैं। और ना ही खाने के लिए खाना मिल पाता है। स्थिति तो तब और गंभीर हो जाती है। जब गर्मियों के दिनों में पक्षी भूख एवं प्यास की वजह से मारे जाते हैं। हम सभी का कर्तव्य है। कि हम इस बेजुबान पक्षी की रक्षा करें और हमें अपने घरों के आसपास के छायादार स्थान पर पानी रखना चाहिए जिससे यह पक्षी अपनी प्यास बुझा सके और अपना अनमोल जीवन बचा सके।
पक्षियों के बचाव एवं उपाय
हमें अपने घरों के पास छायादार स्थान या वृक्षों पर पानी और दाने रखना चाहिए। जिससे यह पक्षी अपना पेट भर सकें। और प्यास बुझा सके। हमें अपने घरों की छतों पर किसी बड़े बर्तन में पानी रखना चाहिए। जिससे वह तेज धूप पढ़ने पर नहा सके। इसके साथ ही हमें कम वाहनों का उपयोग करना चाहिए। जिससे कम प्रदूषण हो एवं अधिक प्रदूषण फैलाने वाले वाहन का उपयोग नहीं करना चाहिए। इन पक्षियों को लुप्त होने से बचाने के लिए हमें अधिक से अधिक पौधेरोपण करना चाहिए। दरअसल हमारे यहां बड़े जीवों के संरक्षण पर तो ध्यान दिया जाता है, पर पक्षियों के संरक्षण पर उतना नहीं।
वृक्षारोपण, जैविक खेती को बढ़ाकर तथा माइक्रोवेव प्रदूषण पर अंकुश लगाकर पक्षियों को विलुप्त होने से बचाया जा सकता है। अब भी यदि हम जैव विविधता को बचाने का सामूहिक प्रयास न करें, तो बहुत देर हो जाएगी।