पल्लव शासकों के सांस्कृतिक व उपलब्धियों का वर्णन
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पल्लवों की अन्य सांस्कृतिक उपलब्धियाँ:
पल्लव शासकों द्वारा संस्कृत भाषा को संरक्षण प्रदान किया गया था। संकृत भाषा के प्रसिद्ध कवि व 'किरातार्जुनीयम' के रचयिता भारवि सिंहविष्णु के दरबार में रहते थे। इसके अतिरिक्त पल्लवकालीन रचनाकारों में दण्डिन प्रमुख थे, इन्होंने 'दश्मुखचरित' और 'काव्यादर्श' जैसी पुस्तकों की रचना की।
पल्लवों ने प्रारंभिक पल्लव शासकों (250 ई.) से लेकर नौवीं शताब्दी के अपने पतन के अंतिम समय तक शासन किया। सातवाहनों के ध्वंसावशेषों पर निर्मित होने वाले पल्लव वंश की स्थापना सिंहविष्णु ने की थी। सातवाहन साम्राज्य के दक्षिण-पूर्वी भाग में शासन करने वाले पल्लवों की राजधानी कांचीपुरम थी। पल्लवों ने वास्तुकला के साथ-साथ संगीत, नृत्य एवं चित्रकला के क्षेत्र में भी प्रगति की, इस प्रकार पल्लव वास्तुकला का इतिहास में काफी महत्त्व है।
पल्लवों की अन्य सांस्कृतिक उपलब्धियाँ:
पल्लव शासकों द्वारा संस्कृत भाषा को संरक्षण प्रदान किया गया था। संकृत भाषा के प्रसिद्ध कवि व 'किरातार्जुनीयम' के रचयिता भारवि सिंहविष्णु के दरबार में रहते थे। इसके अतिरिक्त पल्लवकालीन रचनाकारों में दण्डिन प्रमुख थे, इन्होंने 'दश्मुखचरित' और 'काव्यादर्श' जैसी पुस्तकों की रचना की।