History, asked by lilyhaokip7759, 18 days ago

पलासी के लड़ाई के पूर्व घटनाक्रमों पर प्रकाश डाले| भारतीय इतिहास के इस लड़ाई के महत्व की विवेचना करे

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Answered by MsQueen6
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Answer:

प्लासी युद्ध के मैदान में घमासान युद्ध प्रारंभ हुआ मीरजाफर तो पहले ही अंग्रेजों से संधि कर चुका था फलत: नवाब की जबरदस्त पराजय हुई। अंग्रेजों की विजय हुई। नवाब की हत्या कर दी गई और मीरजाफर को बंगाल का नवाब बनाया गया। प्लासी युद्ध के द्वारा बंगाल में ब्रिटिश साम्राज्य की नींव डाली गई।

Explanation:

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Answered by mapooja789
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Given: पलासी के लड़ाई के पूर्व घटनाक्रमों पर प्रकाश डाले| भारतीय इतिहास के इस लड़ाई के महत्व की विवेचना करे

प्लासी के लड़ाई के पूर्व घटनाएं व भारतीय इतिहास के लड़ाई का महत्व कुछ इस प्रकार है

1. अंग्रेजों की साम्राज्यवादी महत्त्वकांक्षा

चूँकि अंग्रेज भारत में, व्यापार करने आये थे लेकिन धीरे-धीरे उनकी साम्राज्यवादी भावनाएं उजागर हो गयी और वे भारत के विभिन्न क्षेत्र को एक निश्चित योजना के तहत विजीत करने का प्रयास करने लगे। इसी प्रयास में बंगाल में साम्राज्य की स्थापना करना उचित समझा गया क्योंकि साम्राज्य की स्थापना के लिए सबसे अनुकूल परिस्थति बंगाल में विद्यमान थी।.

2. अंग्रेजों की नबाव के अधिकारियों, कर्मचारियों के साथ मिलकर नबाव के साथ षड्‌यंत्र करने की नीति

3. अंग्रेजों के द्वारा 'दस्तक प्रथा' का दुरुपयोग

4. नवाब तथा फ्रांसीसियों के मध्य गठजोड की समभावना : जब नवाब ने फ्रांसीसियों तथा अंग्रेजों को किलेबंदी करने का आदेश दिया, तो फ्रांसीसियों ने अज्ञा का पालन किया।

लेकिन अंग्रेजों ने अज्ञा का पालन नहीं किया । नबाव की सेना में फ्रांसीसि सैनिक भी थे. इस कारण नबाब का फ्रांसीसियो के प्रति एक संभाविक मुकाव था. उस झुकाव के कारण अंग्रेज दोनों को मित्र के तौर पर महसूस करते थे । वे इस मित्रता को प्रारंभिक अवस्था में ही खत्म करना चाहते थे। इस हेतु क्लाइव ने जल्दी से यह युद्ध उचित समझा।

5. अंग्रेजों द्वारा नवाव पर अलीमदार की साँध का उल्लंघन करना व अपनी सेना मुर्शिदाबाद की तरफ भेज दी। और दोनों सैनाओं के मध्य प्लासी का शुद्ध प्रारंभ हो गया ।

Explanation :

युद्ध की घटनाएँ:

नबाव की सेना लगभग 50,000 थी जबकि लगभग अंग्रेजों की 3200 थी।

युद्ध के समय अधिकांश नवाव की अधिकांश सेना मीर जाफर, राय दुर्बल यार लतीफ खाँ के नेतृत्व में तटस्थ बनी रही।

नबाव की तरफ से केवल मोहन सिंह, मौदान और फ्रांसीसी सेना ने भाग लिया।

इस सेना को रॉबर्ट क्लाइव की सेना ने आसानी से हरा दिया।

नबाब मुर्शिदाबाद की तरफ भाग गया, जहाँ उसकी मीर जाफर के पुत्र मीरन ने हत्या कर दी एवं नया नबाव मीर जाफर को बनाया गया।

#SPJ3

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