palampur village ki vyakhya kre in hindi translate
Answers
सारांश
पालमपुर गांव की मुख्य क्रिया कृषि है, जबकि अन्य क्रियाएं जैसे लघु-स्तरीय विनिर्माण, डेयरी, परिवहन आदि सीमित स्तर पर की जाती है। पालमपुर अपने आस पास के गाँवो और क़स्बों से जुड़ा हुआ हैं। रायगंज एक बड़ा गाँव है जो पालमपुर से तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। पालमपुर गाँव के यातायात साधन की बात करें तो यहां पर बैलगाड़ियाँ, भैंसाबग्घी, से लेकर और तरह के वाहन जैसे मोटरसाइकिल , जीप , ट्रेक्टर और ट्रक तक देखे जा सकते है।
इस गाँव में अलग-अलग जातियों के तकरीबन 450 परिवार है। जिनमे से कुछ उच्च जाति के अथवा अनुसूचित जाति (दलित) के लोग है। गाँव में उच्च जाति के परिवारों की 80 हैं जो ज्यादातर भूस्वामी है। इन लोगों के मकान बहुत बड़े और ईंट तथा सीमेंट से बने हुए हैं। अनुसूचित जाति के लोगों की संख्या गाँव की कुल आबादी का एक तिहाई है। ये लोग गाँव के एक कोने में बहुत छोटे घरों में रहते हैं तथा ये घर मिट्टी और फूस के बनें हुए हैं।
पालमपुर के ज्यादातर घरों में बिजली की सुविधा उपलब्ध हैं। शिक्षा के स्तर पर यहाँ प्रबंध करायी गई व्यवस्थाओं में एक हाई स्कूल और दो प्राथमिक विद्यालय हैं। अतः रोगियों के उपचार के लिए एक राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और एक निजी अस्पताल मौजूद है।
भारत के हर एक गाँव की तरह पालमपुर गाँव की भी प्रमुख गतिविधि कृषि (खेती) हैं। इससे भिन्न तरह की गतिविधियों में लघु विनिर्माण, परिवहन, दुकानदारी आदि शामिल हैं। इन गतिविधियों को गैर कृषि क्रियाएं कहा जाता हैं।
पालमपुर गाँव में कृषि
पालमपुर के लोगों का मुख्य पेशा कृषि उत्पादन है। यहां काम करने वाले लोगों में 75 प्रतिशत लोग अपने जीवनयापन के लिए खेती पर निर्भर है। ये किसान या कृषि श्रमिक हो सकते है। परंतु कृषि करने में उपयोग होने वाली जमीन निश्चित होती है। पालमपुर में साल 1960 के बाद से आज तक जमीन के क्षेत्र में कोई बदलाव नही हुआ है। उस समय गांव की बंजर जमीन को खेती योग्य कार्य करने में परिवर्तित कर दिया था तथा नयी जमीन को खेती करने योग्य बनाकर उत्पादन को बढ़ाने की कोई गुंजाइश नही हैं।
यहाँ जिस तरह की फसल उगाई जाती है और सुविधाएं उपलब्ध हैं उसे देखकर लगता है कि पालमपुर गाँव उत्तर प्रदेश के पश्चिम में स्थित हैं। यहाँ हर जमीन पर खेती की जाती है । गाँव में एक साल में किसान तीन तरह की फसलें उत्पन्न कर पाते हैं क्योंकि यहाँ पर सिंचाई करने के लिये पूरी व्यवस्था है। इसका असर ऐसा पड़ा कि यहाँ पर सिंचाई व्यवस्था ही बदल गयी। अब किसान बिजली से चलने वाले नलकूपों का प्रयोग कर रहे है। शुरूआत में किसान सरकार द्वारा प्रबंध कराए गए नलकूपों का इस्तेमाल करते थे और अब वे अपने द्वारा नलकूप का प्रबंध ख़ुद करने लगे।
☺hope it helps u ☺