Hindi, asked by anilkumarpandey44679, 3 months ago

पनों के मर जाने से जीवन नहीं मरा करता है।
सपना क्या है? नयन-सेज पर
सोया हुआ आँख का पानी,
टूटना
है उसका ज्यों
जागे कच्ची नींद जवानी।
और
पर ननाने वालो।​

Answers

Answered by scientist331
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Answer:

छिप-छिप अश्रु बहाने वालों !

मोती व्यर्थ बहाने वालों !

कुछ सपनों के मर जाने से जीवन नहीं मरा करता है।

सपना क्या है? नयन सेज पर

सोया हुआ आँख का पानी,

और टूटना है उसका ज्यों

जागे कच्ची नींद जवानी

गीली उमर बनाने वालों।

डूबे बिना नहाने वालों !

कुछ पानी के बह जाने से सावन नहीं मरा करता है।

माला बिखर गयी तो क्या है

ख़ुद ही हल हो गई समस्या,

आँसू गर नीलाम हुए तो

समझो पूरी हुई तपस्या,

रूठे दिवस मनाने वालों !

फटी कमीज़ सिलाने वालों !

कुछ दीपों के बुझ जाने से आँगन नहीं मरा करता है।

खोता कुछ भी नहीं यहाँ पर

केवल जिल्द बदलती पोथी ।

जैसे रात उतार चाँदनी

पहने सुबह धूप की धोती

वस्त्र बदलकर आने वालों !

चाल बदलकर जाने वालों !

चन्द खिलौनों के खोने से बचपन नहीं मरा करता है।

लाखों बार गगरियाँ फूटीं

शिकन न आई पनघट पर

लाखों बार किश्तियाँ डूबीं

चहल-पहल वो ही है तट पर

तम की उमर बढ़ाने वालों

लौ की आयु घटाने वालों

लाख करे पतझर कोशिश पर उपवन नहीं मरा करता है।

लूट लिया माली ने उपवन

लुटी न लेकिन गन्ध फूल की,

तूफ़ानों तक ने छेड़ा पर

खिड़की बन्द न हुई धूल की,

नफ़रत गले लगाने वालों !

सब पर धूल उड़ाने वालों !

कुछ मुखड़ों की नाराज़ी से दर्पन नहीं मरा करता है।

- गोपालदास नीरज

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