पन्ना द्वारा चंदन के कपड़ों का बदलना
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पन्ना द्वारा चंदन के कपड़े बदलना...
पन्ना द्वारा चंदन के कपड़ों को बदलना स्वामी भक्ति की पराकाष्ठा थी, जिसके चलते पन्ना यानी पन्नाधाय ने राणा उदय सिंह को बचाने के लिए अपने पुत्र चंदन का बलिदान दे दिया।
पन्नाधाय इतिहास में एक बलिदानी माँ के तौर पर जानी जाती है, जो राणा सांगा के पुत्र राजा राणा उदय सिंह की धाय माँ थी। राणा सांगा की मृत्यु के बाद उनके चित्तौड़ के रिक्त सिंहासर पर कब्जा करने के लिए अनेक लोगों की कुदृष्टि थी, क्योंकि उस समय राणा सांगा के पुत्र उदय सिंह बेहद छोटे थे और वह सिंहासन संभालने योग्य नहीं थे। ऐसे समय में राणा मेवाड़ के सिंहासन पर अनेक लोगों की कुदृष्टि थी और एक दासी पुत्र बनवीर सिंहासन पर अपनी कुदृष्टि जमाया हुआ था। वह राणा सांगा के वंशजों को एक-एक कर मार रहा था।
पन्नाधाय ने उदय सिंह को किसी तरह सुरक्षित रखा था। एक दिन बनवीर उदय सिंह को मारने के लिए उनके महल की ओर आया। पन्ना को इसकी पूर्व सूचना मिल गई, उसने उदय सिंह के प्राणों की रक्षा के लिए अपने पुत्र चंदन को उदय सिंह के कपड़े पहनाकर पलंग पर सुला दिया और उदय सिंह को बांस की टोकरी में छुपाकर एक सेवक के साथ चुपचाप महल से बाहर भेज दिया। बनवीर महल में आया और उसने पन्ना से उदय सिंह के बारे में पूछा। पन्नाधाय ने पलंग पर सो रहे अपने पुत्र चंदन की ओर इशारा कर दिया। बनवीर उसे उदय सिंह समझकर प्राणों से तलवार से उसका उसकी हत्या कर दी। पन्नाधाय चुपचाप अपनी आँखों के सामने अपने पुत्र की हत्या को अविचलित रुप से देखती रही। बाद में जब बनवीर के जाने पर उसने अपने पुत्र के शव को चूमा और उदय सिंह के साथ लेकर महल से निकल पड़ी। उसने राणा सांगा को दिए गए वचन पूर्ति में उनके पुत्र उदय सिंह की रक्षा के लिए अपने स्वामी भक्ति का अनुपम परिचय दिया और मेवाड़ के राजवंश को बचाने के लिए अपने पुत्र तक का बलिदान कर दिया।
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