पण
JION 107
पिपाहाणा।
तो लिखिए कि कोरोना तालाबंदी के समय आपको और आपके परिवार को कौन-कौन सी असुविधाओं या दिक्कतों का सामना करना
पड़ा और आपने उनका निवारण कैसे किया ?
Answers
कोरोना तालाबंदी के समय मुझे और मेरे परिवार को असुविधाओं या दिक्कतों का सामना करना पड़ा:
कोरोना तालाबंदी के समय बहुत सी असुविधाओं का सामना करना पड़ा| मैं दिल्ली से अपने गाँव आई थी| मुझे 14 दिन के लिए घर के अंदर ही अकेले रहना पड़ा| इस समय मुझे बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ा| साथ में ही मेरे परिवार को भी मेरे साथ अंदर रहना पड़ता था| हम बहार नहीं जा सकते थे| हम किसी से भी नहीं मिल सकते थे|
हमें बहार से सामना लाने में बहुत मुश्किल होती थी| पड़ोस के लोगों से सामान मंगवाना पड़ता था|
घर की जरूरतों के लिए बहु दूसरों की बोलना पड़ता था|
सब से ज्यादा दिक्कत तब हुई जब मेरे पिता जी की दवाइयां खत्म हो गई थी , और वह दवाइयां किसी भी दूकान में नहीं मिल रही थी क्योंकि पीछे से कोई भी सामान नहीं आ रहा था| पिता जी की दवाइयां एक दुकान वाले से मदद से घर पर मंगवाई|
असुविधाओं या दिक्कतों का सामना का निवारण
असुविधाओं या दिक्कतों का सामना का निवारण करना मुश्किल तो था वह नामुमकिन नहीं था| धीरे-धीरे मुश्किलें कम होती गई| पड़ोस वाले हमारी मदद कर देते थे| गाँव में पंचायत वाले बहुत ध्यान रखते थे और घर में सामान दे जाते थे| बीमार होने पर गाड़ी भेज देते थे|
कोरोना तालाबंदी के समय धैर्य से काम लेने से दिक्कतों का सामना आसानी से हो गया|
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