Hindi, asked by bhumika93, 1 year ago

pandavo ke agyatwas ke visay me likhiya hindi me in 29 words

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Answered by ravipal9721
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वनवास के बारहवें वर्ष के पूर्ण होने पर पाण्डवों ने अब अपने अज्ञातवास के लिये मत्स्य देश के राजा विराट के यहाँ रहने की योजना बनाई। उन्होंने अपना वेश बदला और मत्स्य देश की ओर निकल पड़े। मार्ग में एक भयानक वन के भीतर एक श्मशान में उन्होंने अपने अस्त्र-शस्त्रों को छुपाकर रख दिया और उनके ऊपर मनुष्यों के मृत शवों तथा हड्डियों को रख दिया, जिससे कि भय के कारण कोई वहाँ न आ पाये। उन्होंने अपने छद्म नाम भी रख लिये, जो थे- 'जय', 'जयन्त', 'विजय', 'जयत्सेन' और 'जयद्वल'। किन्तु ये नाम केवल मार्ग के लिए थे, मत्स्य देश में वे इन नामों को बदल कर दूसरे नाम रखने वाले थे।


राजा विराट के दरबार में पहुँचकर युधिष्ठिर ने कहा- “हे राजन! मैं व्याघ्रपाद गोत्र में उत्पन्न हुआ हूँ तथा मेरा नाम 'कंक' है। मैं द्यूत विद्या में निपुण हूँ। आपके पास आपकी सेवा करने की कामना लेकर उपस्थित हुआ हूँ।”

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