Pani pustak billi rakhi kahani lekhan
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मैं कल एक पुस्तक पढ़ रही थी। जिसमें भाई और बहन के प्यार और राखी जैसे पवित्र त्योंहार का सुंदरता से वर्णन किया गया था। मैं कहानी पढ़ते पढ़ते अपने भैया को बहुत याद कर रही थी।
मैंने उनके लिए अपने हाथों से राखी और ग्रिटिंग्स बनाने का निर्णय लिया। मैं कार्ड बनाकर राखी बनाने ही जा रही थी कि एक बिल्ली आकर कार्ड पर अपने गंदे पैरों की छाप देकर चली गई। मेरी सारी मेहनत पानी पानी हो गई।
मैंने उनके लिए अपने हाथों से राखी और ग्रिटिंग्स बनाने का निर्णय लिया। मैं कार्ड बनाकर राखी बनाने ही जा रही थी कि एक बिल्ली आकर कार्ड पर अपने गंदे पैरों की छाप देकर चली गई। मेरी सारी मेहनत पानी पानी हो गई।
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