Pape
गरटपाट
पल्याला पटकर दी सुचनाके
अनुसार कूतिया जीनिष्ठ
चाँदनी रात की विशेषता
Answers
Answer:
गोरखपुर।
आने वाला गुरुवार अपने साथ आरोग्य का त्योहार लेकर आ रहा है। शरद पूर्णिमा के नाम से जाना जाने वाला यह त्योहार चांदनी रात में अमृत की बरसात करने वाला माना जाता है। इसलिए इस पर्व पर रात में खुले आसमान के नीचे खीर पकाने और खाने की विशेष मान्यता है।
ज्योतिषाचार्य पंडित शरद चंद्र मिश्र के मुताबिक गुरुवार को सूर्योदय 6:09 से रात्रि 12:07 तक पूर्णिमा तिथि है। इस दिन उत्तराभाद्रपद नक्षत्र सुबह से रात 9:42 बजे तक है। इसके बाद मध्य रात्रि तक रेवती नक्षत्र रहेगा। इस दिन चंद्रमा मित्र ग्रह गुरु की राशि मीन पर वास करेगा। चंद्रमा के सौम्य राशि मीन पर निवास से उसकी चांदनी में अमृत का वास माना जाता है। मीन राशि पर होने के कारण चंद्रमा की किरणों को अमरत्व और आरोग्य बरसाने वाला माना गया है। इसलिए इस रात में खुले आसमान के नीचे खीर पकाने और फिर उसे प्रसाद के तौर पर ग्रहण करने का विधान है। माना जाता है कि शरद पूर्णिमा की चांदनी में रखी गई इस खीर में ओस के साथ अमृत आ घुलता है। विभिन्न मंदिरों पर शरद पूर्णिमा की रात खीर पकाने और फिर प्रसाद बांटने का कार्यक्रम आयोजित किया जाता रहा है। इस बार भी कई जगहों पर ऐसे आयोजन होंगे।