Par science
-संसद कीन पस्तिथियों में राज्य सूच
विषय पर कानून बना सकती है
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राष्ट्रपति दिल्ली एवं चंडीगढ़ के अलावा शेष सभी संघ-राज्य क्षेत्रों के संबंध में शांति, प्रगति एवं सुशासन के लिये विनियम बना सकते है। ये विनियम संसद द्वारा पारित कानूनों को निरसित या उनमें संशोधन कर सकते हैं।
************ पाँचवीं अनुसूची में उल्लिखित अनुसूचित क्षेत्रों के संदर्भ में राज्यपाल को शांति एवं सुशासन के लिये विनियम बनाने तथा इस क्षेत्र में संसद (विधानमंडल के भी) के कानून लागू न करने की शक्ति प्राप्त है।
**********" छठीं अनुसूची में शामिल असम के स्वायत्त जिलों के संदर्भ में राज्यपाल को संसद के किसी विधेयक को लागू न करने या कुछ विशिष्ट परिवर्तनों के साथ लागू करने की शक्ति प्राप्त है। राष्ट्रपति को भी इसी तरह की शक्ति मेघालय, त्रिपुरा एवं मिज़ोरम के स्वायत्त ज़िलों के संबंध में प्राप्त है।
यद्यपि सामान्य काल में संसद को संघ सूची एवं समवर्ती सूची के विषयों पर ही कानून बनाने का अधिकार है। लेकिन निम्नलिखित असामान्य परिस्थितियों में संसद को राज्य सूची के विषयों पर विधान बनाने का अधिकार मिल जाता है:
अनुच्छेद 249क के अनुसार यदि राज्यसभा राष्ट्रीय हित में किसी प्रस्ताव को उपस्थित एवं मत देने वाले सदस्यों के दो-तिहाई समर्थन से पारित कर दे। इस स्थिति में संसद को प्रस्ताव में वर्णित राज्य सूची के विषय पर कानून बनाने का अधिकार मिल जाता है।
Answer:राष्ट्रपति दिल्ली एवं चंडीगढ़ के अलावा शेष सभी संघ-राज्य क्षेत्रों के संबंध में शांति, प्रगति एवं सुशासन के लिये विनियम बना सकते है। ये विनियम संसद द्वारा पारित कानूनों को निरसित या उनमें संशोधन कर सकते हैं।
************ पाँचवीं अनुसूची में उल्लिखित अनुसूचित क्षेत्रों के संदर्भ में राज्यपाल को शांति एवं सुशासन के लिये विनियम बनाने तथा इस क्षेत्र में संसद (विधानमंडल के भी) के कानून लागू न करने की शक्ति प्राप्त है।
**********" छठीं अनुसूची में शामिल असम के स्वायत्त जिलों के संदर्भ में राज्यपाल को संसद के किसी विधेयक को लागू न करने या कुछ विशिष्ट परिवर्तनों के साथ लागू करने की शक्ति प्राप्त है। राष्ट्रपति को भी इसी तरह की शक्ति मेघालय, त्रिपुरा एवं मिज़ोरम के स्वायत्त ज़िलों के संबंध में प्राप्त है।
यद्यपि सामान्य काल में संसद को संघ सूची एवं समवर्ती सूची के विषयों पर ही कानून बनाने का अधिकार है। लेकिन निम्नलिखित असामान्य परिस्थितियों में संसद को राज्य सूची के विषयों पर विधान बनाने का अधिकार मिल जाता है:
अनुच्छेद 249क के अनुसार यदि राज्यसभा राष्ट्रीय हित में किसी प्रस्ताव को उपस्थित एवं मत देने वाले सदस्यों के दो-तिहाई समर्थन से पारित कर दे। इस स्थिति में संसद को प्रस्ताव में वर्णित राज्य सूची के विषय पर कानून बनाने का अधिकार मिल जाता है।
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