' Par Updesh Kushal Bahutere '. Is sukti ke sambandhit laghu katha ka nirman karo!
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पर उपदेश कुशल बहुतेरे, जे अचरहिं ते नर न घनेरे ।। अभिप्राय यह है कि दूसरों को उपदेश देने में तो लोग बहुत कुशल होते हैं, लेकिन कुछ ही लोग ऐसे होते हैं जो उसके अनुसार आचरण करते हैं। मनुष्य में दूसरों को उपदेश देने की प्रवृत्ति अनादि काल से विद्यमान रही है। ... यह मनुष्य की एक स्वाभाविक प्रकृति है।
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Answer: पर उपदेश कुशल बहुतेरे, जे अचरहिं ते नर न घनेरे ।। अभिप्राय यह है कि दूसरों को उपदेश देने में तो लोग बहुत कुशल होते हैं, लेकिन कुछ ही लोग ऐसे होते हैं जो उसके अनुसार आचरण करते हैं। मनुष्य में दूसरों को उपदेश देने की प्रवृत्ति अनादि काल से विद्यमान रही है
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