Art, asked by chanchalkumardas235, 3 months ago

पराबैंगनी किरणों के जीवधारियों पर पड़ने वाली किन्ही दो हानिकारक प्रभावों का उल्लेख करें।​

Answers

Answered by rlbhu169
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Answer:

त्वचा के कैंसर का कारण होती हैं

सनबर्न का मुख्य कारण होती हैं

रोग प्रतिरोधक क्षमता को नुकसान पहुंचाती हैं

आंखों के लिए हानिकारक होती हैं

त्वचा में बुढ़ापे के लक्षण दिखाई देना

Explanation:

(1) त्वचा के कैंसर का कारण होती हैं –

पर्यावरण में उत्पन्न होने वाली पराबैंगनी किरणें कैंसर का मुख्य कारण होती है। त्वचा संबंधी तीनों मुख्य कैंसर (बेसल सेल कार्सिनोमा/ Basal cell carcinoma, स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा/ Squamous cell carcinoma और मेलेनोमा/ Melanoma) की वजह सूर्य की पराबैंगनी किरणें ही होती हैं और रिसर्च में भी इस बात का पता चला है कि 90 प्रतिशत स्किन कैंसर इन्हीं पराबैंगनी किरणों के कारण होते हैं।

(2) सनबर्न का मुख्य कारण होती हैं –

पराबैंगनी किरणों से त्वचा का जलना या झुलसना, सनबर्न कहलाता है। त्वचा की कोशिकाएं क्षतिग्रस्त होने से सनबर्न की समस्या होती है। यह समस्या त्वचा में पराबैंगनी किरणों के अवशोषण के कारण होती है। सनबर्न से प्रभावित त्वचा को ठीक करने के लिए रक्त का संचार इस हिस्से में अधिक होने लगता है और इस वजह से आपकी त्वचा का रंग लाल दिखाई देने लगता है।

(3) रोग प्रतिरोधक क्षमता को नुकसान पहुंचाती हैं –

पराबैंगनी किरणों में ज्यादा देर तक रहने से आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली पर हानिकारक असर होता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि सनबर्न के दौरान रोग से लड़ने वाली सफेद रक्त कोशिकाओं के कार्य और वितरण प्रणाली में बदलाव आने लगता है और सूर्य का यह हानिकारक प्रभाव 24 घंटों तक आपके शरीर में दिखाई देता है। पराबैंगनी किरणों के लगातार संपर्क में आने से आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को नुकसान पहुंचने लगता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता आपको हानिकारक बैक्टीरिया, सूक्ष्म जीवाणु, वायरस और विषाक्ता से सुरक्षा प्रदान करने कार्य करती है।

(4) आंखों के लिए हानिकारक होती हैं –

पराबैंगनी किरणों में लंबे समय तक रहने से आपकी आंखों के ऊतकों में क्षति पहुंचती है। इसकी वजह से आपकी आंखों में जलन होने लगती है, इसको हिमान्धता (snow blindness/ बर्फ से टकराकर पराबैंगनी किरणों से आंखों को होने वाला अस्थायी नुकसान) और “फोटोकिरेटिटिस” (Photokeratitis / अधिक रोशनी की वजह से आंखों को नुकसान होना) कहते हैं। आंखों पर होने वाले इस तरह के हानिकारक प्रभाव कुछ दिनों में ही ठीक हो जाते हैं, लेकिन बाद में आंखों की अन्य समस्या का कारण बन सकते हैं। इसके अलावा अन्य अध्ययन बताते हैं कि सूर्य की कम रोशनी से भी आपकी आंखों को मोतियाबिंद, “टेरिजियम” (Pterygium/ आंखों का रोग) और “पिंग्यूक्लूला” (Pinguecula/ आंखों का एक रोग) हो सकते हैं। आंखों पर पराबैंगनी किरणों के दुष्प्रभाव धीरे-धीरे शुरू होते हैं, इससे बचने के लिए आप अपनी आंखों को सुरक्षित रखना चाहिए।

(5) त्वचा में बुढ़ापे के लक्षण दिखाई देना –

पराबैंगनी किरणें त्वचा की ऊपरी परत के नीचे मौजूद कोलेजन (collagen: त्वचा के लिए एक जरूरी प्रोटीन) और संयोजी ऊतकों को नष्ट कर देती है, जिससे आपकी त्वचा में उम्र बढ़ने के लक्षण दिखने शुरू हो जाते हैं। इससे आपकी त्वचा में झुर्रियां व भूरे रंग के दाग होने लगते हैं और त्वचा की लोच खत्म होने लगती है। सूर्य की किरणों के प्रभाव से किसी व्यक्ति के हाथों के ऊपरी और निचले हिस्से की त्वचा के रंग, झुर्रियों और झांइयों में अंतर हो सकता है। सामान्यतः हाथों के ऊपरी हिस्से में सूर्य की किरणें सीधे पड़ती हैं, जिसकी वजह से इस हिस्से को ज्यादा नुकसान होता है। पराबैंगनी किरणों से त्वचा पर होने वाले दुष्प्रभाव धीरे-धीरे दिखाई देते हैं, इसलिए आपको अपनी त्वचा को सूर्य से बचाने के प्रयास जल्द ही शुरू कर देने चाहिए।

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