परिचायक शब्द में प्रत्यय क्या है?
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k
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Answer:
'पराचयक' में 'अक' प्रत्यय है और 'परिचय' मूल शब्द है।
Explanation:
'पराचयक' में 'अक' प्रत्यय है और 'परिचय' मूल शब्द है।
प्रत्यय वे शब्द हैं जो भिन्न-भिन्न शब्दों के अंत में उन्हें जोड़कर शब्द के महत्व को बदल देते हैं, जैसा कि उनके झुकाव से संकेत मिलता है। प्रत्यय शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है - प्रति + अय। प्रति का अर्थ है "साथ में, पर बाद में" और आय का अर्थ है "चलने वाला", इसलिए जोड़ का अर्थ है साथ में पर बाद में चलने वाला।
प्रत्यय का अपना कोई महत्व नहीं है और उनकी कोई स्वतंत्र उपस्थिति नहीं है। प्रत्यय शब्दांश हैं जो शब्दों के बाद जोड़े जाते हैं। बार-बार प्रत्यय जोड़ने से महत्व नहीं बदलता है। जब एक प्रत्यय जोड़ा जाता है, तो शब्द में कोई संधि नहीं होती है, हालांकि अंतिम अक्षर में मिलने वाले प्रत्यय में कितना स्वर जोड़ा जाएगा, फिर भी यह यथावत रहता है जब यह व्यंजन होता है।
जैसे-
समाज + इक = सामाजिक
सुगंध +इत = सुगंधित
भूलना +अक्कड = भुलक्कड
मीठा +आस = मिठास
नाटक +कार =नाटककार
बड़ा +आई = बडाई
टिक +आऊ = टिकाऊ