परागण के प्रकारों को समझाइये।
Answers
Answered by
3
Answer:
जब पुष्प के परागकण उसी पादप के अन्य पुष्प के वतिकाग्र तक जाते है तो उसे सजात पुष्पी परागण कहते है। स्वयुग्मन तथा सजात पुष्पी परागण को सम्मिलित रूप से स्वपरागण (Self Pollenation) कहते है। पादप उभयलिंगी (Hermaphrodite) होता है, तो उनमे स्वपरागण (Autogamy) होता है।
Answered by
3
परागण के दो मुख्य भेद हैं :
1. स्वपरागण, जिसमें किसी फूल में परागण उसी के पराग द्वारा होता है.
2. परपरागण अर्थात् जब परागण उसी पौधे के दो फूलों, या उसी जाति के दो पौधों, के बीच होता है। जब तब संकरण भी संभव है और यह दो विभिन्न जातियों के पौधों में परागण से हो जाता है। कुछ साइकैडों और ऑर्किडों में तो कभी कभी दो वंशों में भी संकरण हो जाता है।
Similar questions