परीक्षा भवन के बाहर दो छात्रों का संवाद
Answers
मनु : रोहित, आज की परीक्षा के लिए तो मुझे बहुत ही घबराहट हो रही है ।
रोहित : आज तुम्हारा ही नहीं अधिकतर बच्चों का यही हाल है ।
मनु : हाँ रोहित, तुम सही कह रहे हो । गणित है ही ऐसा विषय ।
रोहित : ऊपर से गणित के अध्यापक छोटी सी गलती होने पर भी पूरा सवाल काट कर ज़ीरो दे देते हैं ।
मनु : कक्षा में ड्यूटी भी तो उन्ही की लगी हुई है ।
रोहित : इतने कड़क हैं गणित के अध्यापक कि जरा सी गर्दन इधर – उधर घुमाई नहीं कि कॉपी ही छीन लेते हैं ।
मनु : सही में, आधा प्रश्नपत्र तो इसी वजह से गड़बड़ा जाता है ।
रोहित : मैं तो इसी चक्कर में आज पानी की बोतल तक नहीं लाया । कहीं पानी पीने के चक्कर में करी-कराई मेहनत पर ही पानी ना फिर जाये ।
मनु : वैसे भी मास्टर जी ने सबको डरा रखा है कि यदि किसी के ज़रा भी कम अंक आये तो माता-पिता को बुलवाकर उनकी शिकायत करेंगे ।
रोहित : हाँ मनु, नम्बर कम आने पर तो घर में वैसे ही डांट पड़ती है, ऊपर से अगर मास्टर जी ने माता-पिता को बुलवा दिया तब तो थोड़ा-बहुत जो टेलीविजन या खेल कूद होता है, सब बंद हो जाएगा ।
मनु : इसीलिए मैंने जी-जान लगा कर गणित की परीक्षा की तैयारी करी है ।
रोहित : चलो-चलो जल्दी से एक बार फार्मूले रिवाइज़ कर लें । बस घंटी बजने में दस मिनट ही बचे हैं ।