परीक्षा भवन में अब नकल करते हुए पकड़े गए माफी हेतु प्रधानाचार्य को पत्र लिखिए
Answers
Explanation:
ये सब संकेत की भाषा है। इसका प्रयोग कभी-कभी किया जाता है। अधिकतर हम अपनी बात बो
लिखकर अभिव्यक्त करते हैं। अत:
मन के विचारों को बोलकर या लिखकर प्रकट करने का साधन भाषा कहलाता है।
भाषा' शब्द भाष् धातु से बना है, जिसका अर्थ है - बोलना।
जो ध्वनि-संकेत हमारे मुख से किसी भाव या विचार को प्रकट करने के लिए निकलते हैं, वे भाषा कहला
ये ध्वनि-संकेत हर भाषा में खास अर्थ में रूढ़ हो जाते हैं अर्थात हर भाषा के ध्वनि-संकेतों का अलग
अर्थ होता है।
जैसे-हिंदी में जल या पानी कहेंगे तो अंग्रेज़ी में वॉटर।
हर भाषा में कहे गए ध्वनि-संकेत अलग-अलग अर्थ रखते हैं।
पत्र लेखन : औपचारिक
उत्तर : -
सेवा में,
श्रीमान प्रधानाचार्य महोदय,
MIT कॉलेज,
पुणे (महाराष्ट्र)।
विषय: परीक्षा में नियमों का उल्लंघन करने के लिए क्षमा हेतु प्रार्थना पत्र।
महोदय / महोदया,
सविनय निवेदन है की, मैं ऋत्विज खुराना आपके महाविद्यालय का वर्ग B.Com Ist year(प्रथम वर्ष) का छात्र हूं। परीक्षा भवन में परीक्षा के दौरान नियमों का उल्लंघन करने लिए आपसे क्षमा माँगने के लिए यह पत्र लिख रहा हूँ।
मुझे मेरी गलती स्वीकार है, मैंने परीक्षा भवन में परीक्षा देते समय नकल की । मुझे यह भी स्वीकार है कि यह नकल करना अनैतिक मार्ग है। मुझे इस पर बहुत खेद है।
मेरी आपसे नम्र विनंती है कि, आप मेरी इस प्रथम भूल को क्षमा करने का कष्ट करें। और मेरा विश्वास करें कि भविष्य में ऐसी भूल कदापि नहीं होगी। मेरी इस गलत वर्तन के लिए मैं आपसे और परीक्षा भवन में उपस्थित संबंधित शिक्षक से माफी मांगता हूं। और वचन देता हूं आगे से ऐसा कृत्य कभी नहीं दोहराऊंगा और हमेशा नियमों का पालन कर अनुशासन को महत्व दूंगा।
आशा है कि आप मेरी यह भूल को माफ कर मुझे सुधरने का एक मौका तो जरूर देंगे।
आभारसहित।
आपका आज्ञाकारी छात्र,
नाम : - ऋत्विज खुराना
कक्षा :- B.Com Ist year(प्रथम वर्ष)
अनुक्रमांक :- 30
MIT कॉलेज,
पुणे (महाराष्ट्र)।
दिनांक :- 11 जनवरी, 2021