परीक्षा हमरी योग्यता का परीक्षण है स्मरण शक्ति को नही एस्के पक्ष में बोले
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परीक्षा हमारी योग्यता का परीक्षण है, हमारी स्मरण शक्ति का नहीं।
परीक्षा हमारी शिक्षा की पूर्णता पर ली जाती है। शिक्षा ज्ञान का प्रतीक होती है अर्थात हमने जो ज्ञान हासिल किया है, उसकी परख के लिए हमारी परीक्षा ली जाती है और यह परखा जाता है कि हमने शिक्षा को भलीभांति ग्रहण किया है कि नहीं। हम शिक्षा को प्राप्त कर के योग्य बने हैं कि नहीं। इसमें हमारी स्मरण शक्ति नहीं महत्व रखती बल्कि यह बात महत्त्व रखती है कि हमने शिक्षा से क्या सीखा।
आजकल की प्रवृत्तियों में छात्र अपनी स्मरण शक्ति बढ़ाने पर जोर देते रहते हैं कि अधिक से अधिक याद रख सकें ताकि परीक्षा में सही ढंग से लिख सकें। इस प्रक्रिया में वह शिक्षा के मूल भाव को नहीं समझते और जो ज्ञान उन्हें मिला है, वह अपने अंदर तक नहीं ग्रहण कर पाते कि वह केवल अपने स्मरण शक्ति तक ही सीमित हो जाते हैं, जो उनकी परीक्षा तक ही काम करती है। स्मरण शक्ति कमजोर पड़ते ही वह सब कुछ भूल जाते हैं। इस तरह उनको दी गयी शिक्षा का मूल उद्देश्य पूरा नही हो पाता। अगर वे शिक्षा को सही अर्थों में लेकर ज्ञान को गहराई तक समझें और शिक्षा को सहज भाव से ग्रहण करें तो उन्हें कुछ भी याद रखने की आवश्यकता ही नही पड़ेगी। वह स्वतः ही सब कुछ समझते जाएँगे।