परीक्षा की तैयारी के संबंधित में अपने मित्र से बातचीत करते हुए एक संवाद लेखन लिखिए please ans me in hindi words
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दीपावली का त्यौहार वास्तव में प्रकाश और आनंद का पर्व है। इस अवसर पर घरों में तरह-तरह की मिठाइयां और पकवान बनते हैं। बाजार से खील, पताशे, खिलौने , लक्ष्मी -गणेश, की मूर्तियां खरीदते हैं। बच्चे विभिन्न प्रकार की आतिशबाजी खरीदते हैं।
दीपावली का पर्व लगातार पांच दिनों तक मनाया जाता है - धनतेरस से लेकर भैया दूज तक। दीपावली की शाम लक्ष्मी और गणेश की पूजा की जाती है। दुकानदार अपनी दुकानों पर भी लक्ष्मी गणेश का पूजन करते हैं। इस पूजन के बाद जगमगाते दीपों से मकानों और दुकानों की सजावट की जाती है। बच्चे पटाखे छोड़ते हैं। अमावस्या के गहन अंधकार के बीच छोटे-छोटे दीपों की माला है बहुत आकर्षक लगती हैं।
दीपावली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा की धूम धाम रहती है। इस दिन लोग अपनी पशु संपदा की पूजा करते हैं। अनेक स्थानों पर गाय बैलों को रंगों से अलंकृत किया जाता है।
खेद की बात है कि इस पवित्र पर्व के साथ कुछ बुराइयां भी जुड़ गई हैं। खतरनाक ढंग से आतिशबाजी छोड़ने का चलन इन बुराइयों में सबसे प्रमुख है। आतिशबाजी के कारण प्राय: आग लग जाने की दुर्घटनाएं हो जाती है। आतिशबाजी से प्रदूषण भी बहुत फैलता है।
अच्छा यह होगा कि दीपावली को हम प्रकाश का ही पर्व बना रहने दे। उसे अंधेरे की ओर न धकेलें।