परीक्षा की तैयारी वृक्ष धरा के प्रदूषण विषय पर आलेख तैयार कीजिए
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पेड़-पौधे ही धरती के असली श्रृंगार हैं। यदि ये न हों तो धरती रेगिस्तान लगेगी। दिन प्रतिदिन बढ़ती आबादी, प्रदूषण व कम होते पेड़-पौधे आज चिंता के विषय बन गए हैं। कभी आनंद वन के नाम से जाने जाना वाला बनारस आज कंक्रीट के जंगल में तब्दील हो गया है। बड़े-बड़े बगीचों की जगह आज बिल्डिंग ही नजर आती है। इनसे बचे हुए पेड़ विकास की भेंट चढ़ रहे हैं। आए दिन पेड़ों की बलि चढ़ रही है। बदले में बस शहर के मुट्ठी भर लोग पेड़ पौधों की चिंता कर रहे हैं। यहां तक कि इसके लिए जिम्मेदार विभाग भी बस कोरमपूरा करने में जुटे हुए हैं। इन सबके बीच आई नेक्स्ट की ओर से अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण दिवस पांच जून के दिन से 'ट्री ब्रेक' अभियान चला रहा है। इस अभियान के थ्रू न केवल शहर में हरियाली की हकीकत से लोगों से अवगत कराया गया, बल्कि वन विभाग सहित अन्य विभागों व संस्थाओं की ओर से होने वाले प्लांटेशन का पूरा लेखा-जोखा प्रस्तुत किया गया। इस अभियान को लोगों ने हाथों हाथ लिया। रविवार को विभिन्न संस्थाओं ने पेड़ों की रक्षा व अधिक से अधिक प्लांटेशन का शपथ लेने के साथ ही हमें अपने सबसे प्यारे दोस्त की सेल्फी भी भेजी। जिसे आप तक हम साझा कर रहे हैं।
आधी रोटी खाना है पेड़ हमें बचाना है
सृजन सामाजिक विकास न्यास की ओर से रविवार को पेड़ों की रक्षा के लिए कई मोहल्लों में लोगों को अवेयर किया गया। इस दौरान संस्था के सदस्यों व नागरिकों ने पड़ों को सुरक्षित रखने के लिए हरित काशी का नारा बुलंद किया। हाथ में स्लोगन वाली तख्तियां लेकर रैली भी निकाली। संस्था के अध्यक्ष अनिल कुमार सिंह ने उपस्थित लोगों को अधिक से अधिक पौधरोपण व पेड़ों को संरक्षित करने का संकल्प दिलाया। कहा कि काशी को हरित काशी बनाना है जिससे मानव व पशु पक्षियों के जीवन को भी सुखमय एवं स्वस्थ बनाया जा सके।
हरा-भरा हो घर आंगन