Hindi, asked by panigrahimadhumita1, 7 months ago

परीक्षा में असफल हुए सखी को पत्र ​

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Answered by alokraj48
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Answer:

/36, मेस्टन रोड

दिल्ली

दिनांक 25, 1992

प्रिय मित्र अनुज,

आज के समाचार पत्रों में परीक्षा में नकल करते हुए पकड़े जाने वालों की जो सूची छपी है, उसमें तुम्हारा नाम पढ़कर मन पर गहरा आघात लगा। तुम तो बड़े समझदार, पढ़ने वाले, परिश्रमी और अच्छे विद्यार्थी थे। जब हम पढ़ा करते थे, तो नकलचियों पर बड़ा व्यंग्य किया करते थे। तुम्हारी उन बातों को याद कर मैं आज भी, चाहकर भी नकल नहीं कर पाता और तुम हो की नकल करते हुए पकड़े गए हो। कितनी शर्म की बात है यह। लगता है, यहां से जाकर तुमने पढ़ाई-लिखाई पर ध्यान देना छोड़ दिया है। आवारा लड़कों की संगत करने लगे हो। यह तो अच्छी बात नहीं है मित्र। यह सब सुन तुम्हारे माता-पिता के मन पर क्या बीती होगी, जिनकी सारी तुम ही हो।

बुरा ना मानना मित्र। अब भी समय है, संभल जाओ। नकल आदमी को कुएं में ही धकेल सकती है, ऊंचा नहीं उठा सकती। अधिक क्या लिखूं? तुम स्वयं समझदार हो।

तुम्हारा शुभचिंतक मित्र

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