परीक्षा में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण होने पर पिता जी को सुचित करते हुआ पत्र लिखिए
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परीक्षा में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण होने पर पिता जी को सूचित करते हुये पत्र
दिनांक – 8 जुलाई 2019
श्री ओम आहूजा,
127, सिविल लाइन,
बरेली (उ.प्र.)
पूज्यनीय पिताजी,
सादर चरण स्पर्श
मैं यहां पर सकुशल हूँ और आप लोग भी सकुशल होंगे। पिताजी! कल मेरी परीक्षा के परिणाम घोषित हुये थे, और मुझे आपको ये सूचित करते हुये अत्यन्त हर्ष का अनुभव हो रहा है कि मैं प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हुआ हूँ। ये सब आप सभी बड़ों के आशीर्वाद का प्रताप है कि मैं प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुआ। अगर आपका और माँ का हाथ मेरे सिर पर नही होता तो ये सफलता प्राप्त करना संभव नही था। मैं अपनी पढ़ाई में परिश्रम कर पाया और परीक्षा की भली-भांति तैयारी कर पाया तो इस कारण कि आपने मेरी पढ़ाई में कोई कमी नही होने दी और मेरी हर जरूरत को पूरा किया। आप लोगों का आशीर्वाद सदैव मेरे ऊपर बना रहे और मैं आगामी परीक्षा में भी यूं ही सफलता प्राप्त करूँ, यही कामना है। परीक्षाफल मिलने के उपरांत अगले सप्ताह मैं घर आ रहा हूँ।
आपके और माँ को पुनः चरण स्पर्श। छोटी बहन को प्यार। शेष फिर कभी...
आपका पुत्र
विनय आहूजा
लखनऊ (उ. प्र.)
Answer:
नवोदय विद्यालय,
दादरी
दिनांक : 15-3-2021
आदरणीय पिता जी,
सादर चरण स्पर्श
मैं यहां कुशल पूर्वक हूं और आपकी कुशलता की आशा करता हूं। जैसा कि आपको पता ही होगा कि पिछले महीने विद्यालय में वार्षिक परीक्षा समाप्त हुई। आपको यह जानकर अत्यंत प्रसन्नता होगी कि इस बार मेरा परीक्षा परिणाम अच्छा नहीं बहुत ही अच्छा रहा है क्योंकि मैंने इस बार कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। यह पल मेरे लिए बहुत ही गौरव से भरा है।
आपको तो पता ही है कि जब मेरा गणित का पेपर था तब मेरी तबियत ठीक नहीं थी और मैं थोड़ा डरा हुआ था लेकिन परीक्षा परिणाम देखकर मुझे यह अनुभव हुआ कि परीक्षा के समय पढना नहीं बल्कि पूर्व में पढ़ा हुआ ही काम आता है। आपकी नसिहत और आशीर्वाद दोनों ने मिलकर मुझे यह सफलता हासिल करवाईं है। इसमें मेरी मेहनत के साथ ही आप दोनों का पूरा योगदान है।
मां यह खबर सुनकर बहुत खुश होगी। पिताजी, कक्षा में प्रथम आने के कारण मुझे 5000 की धनराशि भी प्राप्त हुईं है। मैं चाहता हूं कि इस से मैं आपलोगो के लिए एक उपहार लाऊं।
शेष कुशल है। मां को चरण स्पर्श कहिएगा।
आपका पुत्र
रमेश
परीक्षा में प्रथम आने पर पिताजी को पत्र। कक्षा (9-10)
बालक छात्रावास,
गुमला
दिनांक- 5-3-2021
पूज्य पिता जी
सादर चरण स्पर्श,
आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि आप वहां कुशल पूर्वक होंगे। मैं भी यहां स्वस्थ और सानंद हूं। आपको मेरे परीक्षा परिणाम का इंतजार होगा और आपके आशा के अनुरूप मैन इस बार भी परीक्षा में प्रथम स्थान हासिल किया है।
पिताजी, मैं आपको यह बताना चाहता हूं कि विद्यालय में हर साल कक्षा में प्रथम आने वाले विद्यार्थियों को विद्वता पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है।इस बार इसका आयोजन अगले सोमवार को किया जा रहा है। आपको और मम्मी का आना अत्यंत आवश्यक है। मैं उस खुशनुमे पल का बेसब्री से इंतजार कर रहा हूं जब प्रधानाचार्य महोदय मुझे आप दोनों के समक्ष पुरस्कृत करेंगे।
आपकी सिखाईं गई बातें मेरे कितने काम आई।यह सोचकर मैं गौरवान्वित महसूस करता हूं।
माताजी को भी यह खुशखबरी अवश्य सुनाईएगा वह बेहद प्रसन्न होंगी। उनकी मंशा पूर्ण हुई।
माताजी को मेरा प्रणाम कहिएगा ।आगे भी मुझे आप दोनों की आशीर्वाद की आवश्यकता पड़ती रहेगी। गोलू को मेरा प्यार बोलिएगा। मेरे प्रथम आने की खबर से वह भी बहुत खुश होगा।
शेष मिलने पर
आपका प्रिय पुत्र
रमेश
परीक्षा में प्रथम आने पर पिताजी को पत्र लिखिए। कक्षा (6, 7, 8)
गुलिस्तां छात्रावास
लखनऊ,
दिनांक: 5-2-2021
पूज्य पिताजी,
सादर चरण स्पर्श
मैं यहां कुशल से हूं और आपकी कुशलता की कामना करता हूं। जैसा कि आपको पता ही है कि पिछले महीने मेरी वार्षिक परीक्षा समाप्त हुई है और आपको उसके परिणाम का उत्सुकता पूर्वक इंतजार होगा। यह पत्र मैंने आपको यही बताने के लिए लिखा है कि मेरा परीक्षा परिणाम घोषित हो चुका है और सबसे खुशी की बात यह है कि इस बार मैं कक्षा में प्रथम आया हूं। यह सब आपके आशीर्वाद का ही परिणाम है। आपके दिशा-निर्देश में की गई मेरी मेहनत रंग लाई और मुझे यह मुकाम हासिल हुआ।
पिछली बार मैं तीन चार नंबर से पीछे रह गया था और मेरे अंदर निराशा छाई हुई थी फिर आपके समझाने पर मेरे अंदर प्रेरणा आई। और मैंने एक नये उद्देश्य से तैयारी शुरू की इसका परिणाम आज सामने है।
परीक्षा में मेरी इस सफलता से मेरे दोस्तों में उत्साह की लहर है। उन लोगो ने मेरे लिए एक पार्टी का आयोजन किया है। जिसमें मुझे धन की आवश्यकता है। अगर आप वो मुझे भेज दें तो अच्छा होगा। विद्यालय में भी एक पारितोषिक वितरण समारोह का आयोजन किया गया। है। इसमें अभिभावकों की उपस्थिति आवश्यक है। आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि आप माताजी के संग अवश्य पधारिएगा।
माताजी को मेरे प्रथम आने की सूचना अवश्य दीजियेगा। उन्हें मेरा प्रणाम कहिएगा। यह सफलता मैंने आप दोनों के आशीर्वाद और प्यार से ही प्राप्त की है। छोटे भाई बहनों को ढेर सारा प्यार।
आपका पुत्र
रोहित
DON'T FORGET TO MARK ME AS BRAINLIEST... PLZ...
whichever class you are in, just see the class above the patra and then write.....