' परीक्षाओं में बढ़ती नकल की प्रवृत्ति ' विषय पर अनुच्छेद लिखो।
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भूमिका : हर वर्ष करोड़ों की संख्या में विद्यार्थी बोर्ड की परीक्षा देते हैं। स्कूलों व् कोलेजों में बहुत प्रकार की परीक्षाएं आयोजित करवाई जाती हैं। अगर किसी अच्छे स्कूल या कॉलेज में दाखिला लेना हो तो परीक्षा देनी पडती है, किसी प्रकार की नौकरी प्राप्त करनी हो तो परीक्षा देनी पडती है, किसी कोर्स का दाखिला लेना हो तो परीक्षा देनी पडती है।
परीक्षाओं के अनेक रूप होते हैं। लेकिन हम केवल एक ही परीक्षा से परिचित हैं जो कि लिखित रूप से कुछ प्रश्नों के उत्तर देने से पूरी होती है। खुदा ने अब्राहम की परीक्षा ली थी। परीक्षा के नाम से फरिश्ते घबराते हैं पर मनुष्य को बार-बार परीक्षा देनी पडती है।
परीक्षा क्या है : परीक्षा को वास्तव में किसी की योग्यता, गुण और सामर्थ्य को जानने के लिए प्रयोग किया जाता है। शुद्ध-अशुद्ध अथवा गुण-दोष को जांचने के लिए परीक्षा का प्रयोग किया जाता है। हमारी शिक्षा प्रणाली का मेरुदंड परीक्षा को माना जाता है। सभी स्कूलों और कॉलेजों में जो कुछ भी पढ़ाया जाता है उसका उद्देश्य विद्यार्थियों को परीक्षा में सफल कराना होता है।
स्कूलों में जो सामान्य रूप से परीक्षा ली जाती हैं वह वार्षिक परीक्षा होती है। जब वर्ष के अंत में परीक्षाएं ली जाती हैं तब उनकी उत्तर पुस्तिका से उनकी क्षमता का पता चलता है। विद्यार्थियों की योग्यता को जांचने के लिए अभी तक कोई दूसरा उपाय नहीं मिला है इस लिए वार्षिक परीक्षा से ही उनकी योग्यता का पता लगाया जाता है। परीक्षाओं से विद्यार्थियों की स्मरण शक्ति को भी जांचा जा सकता है।