परीक्षार्थ संकरण की परिभाषा लिखो और चित्र बनाओ।
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परीक्षार्थ संकरण की परिभाषा :
जब किसी जीव के किसी लक्षण का जीनोटाइप क्या करना होता है , तब उस जीव का संकरण अप्रभावी लक्षण वाले शुद्ध जनक से कराया जाता है। ऐसे संकरण को परीक्षार्थी या परीक्षण संकरण कहते हैं ।
परीक्षार्थी संकरण के पश्चात प्राप्त संतति के दो अवस्थाएं प्राप्त होती है : (1) सभी संतति प्रभाव लक्षण को प्रदर्शित करते हो, या
(2) 50% संतति प्रभावी लक्षण तथा 50% संतति अप्रभावी लक्षण को प्रदर्शित करते हो।
परीक्षार्थ संकरण का चित्र नीचे संलग्न किया गया है -
उपयुक्त परिणामों से निम्नलिखित निष्कर्ष निकाले जाते हैं -
(1) बैंगनी (W) रंग श्वेत रंग (w) के ऊपर प्रभावी होता है, जब सभी F1 सदस्य प्रभावी लक्षण वाले प्राप्त होते हैं तो इस अवस्था में अज्ञात जीनोटाइप समयुग्मकी प्रभावी लक्षण (बैंगनी रंग के पुष्प) - Ww वाला था । F1 पीढ़ी के सभी सदस्य विषमयुग्मकी होंगे , लेकिन फीनोटाइप प्रभावी लक्षण का होगा।
(2) जब F1 पीढ़ी के 50% सदस्य प्रभावी लक्षण वाले तथा 50% प्रभावी लक्षण वाले हो तो अज्ञात जीनोटाइप विषमयुग्मकी प्रभावी लक्षण (Ww) वाला था । F1 पीढ़ी के आधे सदस्य विषमयुग्मकी प्रभावी लक्षण वाले तथा आधे सदस्य समयुग्मकी अप्रभावी लक्षण वाले होते हैं।
आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।।
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Answer:
जब किसी जीव के किसी लक्षण का जीनोटाइप क्या करना होता है , तब उस जीव का संकरण अप्रभावी लक्षण वाले शुद्ध जनक से कराया जाता है। ऐसे संकरण को परीक्षार्थी या परीक्षण संकरण कहते हैं । (2) 50% संतति प्रभावी लक्षण तथा 50% संतति अप्रभावी लक्षण को प्रदर्शित करते हो।