Hindi, asked by hk4342807, 6 months ago

पर ले जाना है। साहित्य, युग और समाज का होकर भी युगांतकारी जीवन-मूल्यों को प्रतिष्ठा कर सुंदरतम सम
प हो सकता है, उसका भी रेखाचित्र प्रस्तुत करता है। इसीलिए साहित्यकार एकदेशीय होकर भी सार्वदे
माज के प्रति साहित्यकार का कर्तव्य आशा का संचार करना है। साहित्यकार समाज में फैले अनैतिक,
सामाजिक तत्वों को उद्घाटित करके सामने लाता है। समाज की गतिविधियों से साहित्य प्रभावित होता
३) "साहित्य समाज का दर्पण है।"पंक्ति से लेखक का क्या आशय है?
3) साहित्यकार का समाज के प्रति क्या दायित्व है?
ग) साहित्य को युगांतकारी क्यो कहा गया है?
य) प्रस्तुत गद्यांश के आधार पर स्पष्ट कीजिए कि आशा का संचार कौन द कैसे करता है?
अ) समाज के प्रति साहित्यकार का कर्तव्य क्या है?
च) प्रस्तुत गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक लिखिए।
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Answered by vishalyaduwanshi
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Answer:

साहित्य समाज का दर्पण है क्योंकि साहित्य और समाज का होकर भी युगांत करी जीवन मूल्यों का प्रतिष्ठा कर सुंदरम संपा हो सकता है।

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