परिमेय संख्याओं के विभिन्न गुणों का अवलोकन करना
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परिमेय संख्याओं में योग, व्यवकलन (घटाना), गुणन और विभाजन (भाग) उसी प्रकार किये जाते हैं, जैसे भिन्नों में किये जाते हैं। परिमेय संख्याएँ योग, व्यवकलन और गुणन की संक्रियाओं के अंतर्गत संवृत होती हैं। परिमेय संख्याओं के लिए योग और गुणन की संक्रियाएँ (i) क्रमविनिमेय होती हैं। (ii) सहचारी होती हैं।
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