Hindi, asked by butterynavneet, 6 months ago

para on bamboo dance of Meghalaya in hindi​

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Answered by pushpakumari1748
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प्रयाग संगीत समिति के अखिल भारतीय संगीत सम्मेलन को सोमवार को पूर्णता मिली। समापन पर पंडित विनोद कुमार द्विवेदी के शास्त्रीय गायन और मेेघालय के कलाकारों के बंबू डांस की मोहक प्रस्तुतियों का संगम हुआ। अंतिम दिन होने के कारण विद्यार्थियों और संगीतप्रेमियों ने बड़ी संख्या में उपस्थिति दर्ज कराई और कलाकारों का उत्साहवर्धन किया।

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शास्त्रीय गायक कलाकार पंडित विनोद ने राग बागेश्वरी में ‘पायो महाराज आज तीनों लोक’ से शुरुआत करके समां बांधने के बाद ध्रुपद, सूर ताल में माता रागेश्वरी सरस्वती की वंदना की। इसके बाद राग जयजयवंती में धमार, बंदिश पेश करके तालियां बटोरीं। फिर उन्होंने भजन, ‘जठ आसर में सार रसना हरि रे...’ और राग बसंत में बंदिश..‘आई बसंत बहार’ सुनाकर मुग्ध किया। इन कलाकारों के साथ पखावज पर अवधेश बनर्जी, सारंगी पर विनोद मिश्र और सहगायन में आयुष द्विवेदी ने संगत, सहयोग किया।

वहीं मेघालय के कलाकारों का बंबू डांस आकर्षण का केंद्र रहा। फसल उगने पर होने वाले मिजो डांस में महिला और पुरुष कलाकारों ने संग मिलकर डांस किया। दूसरी प्रस्तुति स्टिक डांस के तहत कलाकारों ने तलवारबाजी की तरह लकड़ियों के प्रयोग से मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किया। इन कलाकारों के साथ ढोलक पर प्रदीप सिंह एवं इबोसोउवा, मंजीरा पर धनरानी और झांझ पर अडवाणी ने संगत किया। आरंभ में संगीत समिति के सचिव अरुण कुमार ने स्मृति चिन्ह देकर कलाकारों को सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ.मधुरानी शुक्ला और सुनील गुप्ता ने किया।

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