परोपकार करने से व्यक्ति को किस तरह से प्राप्त होता है
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6 रक्तदान करें। नियमित रूप से रक्त दान करना - या यहां तक कि एक बंद के रूप में - यह सुनिश्चित करने का एक शानदार तरीका है कि आप उन लोगों को वापस दे रहे हैं जिन्हें इसकी आवश्यकता है। ... 7 अपना समय एक सूप रसोई या बेघर आश्रय में रखें।
Explanation:
6 Donate blood. Donating blood regularly - or even as a one-off - is a great way to ensure that you're giving back to those who need it. ...
7 Volunteer your time in a soup kitchen or homeless shelter. ...
8 Take part in a charity run. ...
9 Get involved with Decembeard. ...
10 Sell or donate your unwanted gifts
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hiiiiii G00D Ãftèrñôôñ..
परोपकार शब्द ‘पऱउपकार’ इन दो शब्दों के योग से बना है । जिसका अर्थ है निःस्वार्थ भाव से दूसरों की सहायता करना ।अपनी शरण में आए मित्र, शत्रु, कीट-पतंग, देशी-परदेशी, बालक-वृद्ध सभी के दुःखों का निवारण निष्काम भाव से करना परोपकार कहलाता है । ईश्वर ने सभी प्राणियों में सबसे योग्य जीव मनुष्य बनाया । परोपकार ही एक ऐसा गुण है जो मानव को पशु से अलग कर देवत्व की श्रेणी में ला खड़ा करता है । पशु और पक्षी भी अपने ऊपर किए गए उपकार के प्रति कृतज्ञ होते हैं । मनुष्य तो विवेकशील प्राणी है उसे तो पशुओं से दो कदम आगे बढ़कर परोपकारी होना चाहिए ।प्रकृति का कण-कण हमें परोपकार की शिक्षा देता है- नदियाँ परोपकार के लिए बहती है, वृक्ष धूप में रहकर हमें छाया देता है, सूर्य की किरणों से सम्पूर्ण संसार प्रकाशित होता है । चन्द्रमा से शीतलता, समुद्र से वर्षा, पेड़ों से फल-फूल और सब्जियाँ, गायों से दूध, वायु से प्राण शक्ति मिलती है। राजा रंतिदेव को चालीस दिन तक भूखे रहने के बाद जब भोजन मिला तो उन्होंने वह भोजन शरण में आए भूखे अतिथि को दे दिया पर । उपकार अर्थात दूसरों के हित के लिए किया गया कार्य ही परोपकार कहलाता है। मनुष्य वही है जो दूसरों के लिए काम आए। अंपने लिए तो सभी जीते हैं लेकिन जीवन उसका सफल है जो दूसरों की भलाई करे । संसार में परोपकार ही व गुण है जिससे मनुष्य में अथवा जीवन में सुख की अनुभूति होती है। समाज सेवा की भावना देश प्रेम की भावना देश भक्ति की भावना , दुख में पीड़ित लोगों की सहायता करने की भावना यह सब कार्य व्यक्तियों की निशानी है।परोपकार का सबसे बड़ा लाभ है आत्म संतुष्टि, आत्मा को शांति मिलना कि मैंने दूसरों के हित के लिए यह काम किया है। परोपकार निस्वार्थ भाव से किया जाता है किंतु इसके बदले में परोपकारी प्राणी को वो संपत्ति प्राप्त हो जाती है जो लाखों रुपए देकर भी नहीं खरीदी जा सकती वह संपत्ति है मन का सुख। परोपकार का अर्थ होता है दूसरों का अच्छा करना। परोपकार का अर्थ होता है दूसरों की सहयता करना। परोपकार की भावना मानव को इंसान से फरिश्ता बना देती है।
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