पर-परागण के कोई चार महत्वो फी विविष्ट ।
पर- परागण के महत्व
Answers
Answered by
3
पौधों में पराग कण (Pollen grains) का नर-भाग (परागकोष - Anther) से मादा-भाग (वर्तिकाग्र - Stigma) पर स्थानातरण परागण (Pollination) कहलाता है। परागन के उपरान्त निषेचन की क्रिया होती है और प्रजनन का कार्य आगे बढ़ता है।
जब किसी पुष्प का परागकण निकालकर किसी दूसरे पुष्प या फिर किसी दूसरे पौधे के पुष्प तक पहुँचता है, तो इस क्रिया को परागण कहते हैं
परागण की क्रिया दो विधियों द्वारा होती है:-
1 स्वपरागण
1 स्वपरागण2 परपरागण
स्वपरागण :- जब परागण की क्रिया किसी पुष्प के परागकोष से परागकण निकालकर उसी पौधे के पुष्प पर परता है तो वह स्वपरागण कहलाता है।
Attachments:
Answered by
0
Explanation:
पर परागण के कोई चार महत्व
Similar questions