Hindi, asked by arpitadubey16, 2 months ago

परिपत्र की विशेषताएं बताइए?​

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Answered by bhatiamona
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परिपत्र की विशेषताएं बताइए ?​

परिपत्र की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं :

व्याख्या :

  • परिपत्र हमेशा उच्च कार्यालय द्वारा अपने अधीनस्थ निम्न कार्यालय को भेजा जाता है।
  • परिपत्र का मूल विषय एक ही होता है अर्थात यह केवल एक विषय से संबंधित होता है।
  • परिपत्र में या तो कोई सूचना होती है अथवा कोई आग्रह निर्देश होता है।
  • परिपत्र की शैली कार्यालयीन पत्र जैसी ही होती है।
  • परिपत्र को की भाषा सरल, सुबोध एवं स्पष्ट होती है।
  • परिपत्र सदैव अन्य पुरुष की शैली में लिखा जाता है।
  • परिपत्र सदैव टाइप करके ही भेजे जाते हैं, हाथ से नहीं लिखे जाते। हाँ, ये अवश्य होता है कि हर प्रति पर संबंधित अधिकारी के हस्ताक्षर होते है।
Answered by tiwariakdi
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परिपत्र पत्र :

  • परिपत्र पत्र सबसे पुराने प्रकार के अक्षरों में से एक है।
  • इस तरह के पत्र की उत्पत्ति प्राचीन समय में हुई थी जब लोगों ने एक ही तरह से एक समय में बड़ी संख्या में लोगों को किसी भी संदेश को प्रसारित करने की आवश्यकता महसूस की।

एक अच्छी तरह से तैयार और प्रेरक परिपत्र में निम्नलिखित विशेषताएं या विशेषताएं होनी चाहिए :

  • व्यापक प्रचार: परिपत्र पत्र की सबसे महत्वपूर्ण विशेषताओं में से एक यह है कि यह कम से कम संभव समय में सूचना का व्यापक प्रचार करता है।
  • प्रारूपण की विधि: परिपत्र पत्र प्रकृति में बहुत सरल है। इसे सरल भाषा में तैयार किया गया है ताकि विभिन्न वर्गों के लोग आसानी से समझ सकें।
  • आकर्षकता: वृत्ताकार पत्र की एक अन्य प्रमुख विशेषता संदेश की आकर्षक और विशिष्ट प्रस्तुति है। इस पत्र में जानकारी को आकर्षक ढंग से प्रस्तुत किया गया है ताकि यह पाठकों को आश्वस्त कर सके।
  • संक्षिप्तता: एक अच्छी तरह से तैयार किया गया परिपत्र पत्र हमेशा संक्षिप्त लेकिन पूर्ण होता है। यह कम से कम संभव शब्दों का उपयोग करके संदेश को व्यक्त करता है।
  • साभार: चूंकि सर्कुलर पत्र बाहरी पक्षों को भेजा जाता है, यह जानकारी को विनम्रता से प्रस्तुत करता है। विनम्र और सौहार्दपूर्ण भाषा का उपयोग करके परिपत्र पत्र का मसौदा तैयार किया जाता है ताकि यह पाठकों का दिल जीत सके।
  • प्रेरकता: परिपत्र पत्र प्रेरक और प्रेरक तरीके से लिखा जाता है ताकि कंपनी के पक्ष में पाठक के निर्णय को प्रभावित किया जा सके।
  • पाठक की रुचि: परिपत्र पत्र हमेशा पाठकों के हित पर केंद्रित होता है और भरोसेमंद जानकारी प्रस्तुत करता है।
  • सार्वभौमिकता: परिपत्र पत्र का प्रारूप, संदेश और शब्दांकन ऐसा होना चाहिए कि सभी संबंधित पक्ष इसे स्वीकार करें।
  • विवाद से मुक्त: एक व्यावसायिक परिपत्र पत्र राजनीतिक, धार्मिक, सामाजिक या किसी अन्य विवाद से मुक्त होता है।

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