Psychology, asked by tarangsaini153, 2 months ago

परिपथ में ज्ञात कीजिए कि (1) A aur B binduon ke madhya tulya pratirodh (2) paripath mein dhara (3) 3 ome ke Partirodhon ke siro mein Vibhantar.​

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Answered by kirankumarikumari884
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Explanation:

किसी प्रतिरोधक के सिरों के बीच विभवान्तर तथा उससे प्रवाहित विद्युत धारा के अनुपात को उसका विद्युत प्रतिरोध (electrical resistannce) कहते हैं।इसे ओह्म में मापा जाता है। इसकी प्रतिलोमीय मात्रा है विद्युत चालकता, जिसकी इकाई है साइमन्स।

चित्र:Caractéristique résistannce.PNG

आदर्श प्रतिरोधक का V-I वैशिष्ट्य। जिन प्रतिरोधकों का V-I वैशिष्ट्य रैखिक नहीं होता, उन्हें अनओमिक प्रतिरोधक (नॉन-ओमिक रेजिस्टर) कहते हैं।

R वस्तु का प्रतिरोध है, जो ओह्म में मापा गया है, J·s/C2के तुल्य

V वस्तु के आर-पार का विभवांतर है, वोल्ट में मापा गया।

I वस्तु से होकर जाने वाली विद्युत धारा है, एम्पीय़र में मापी गयी।

बहुत सारी वस्तुओं में, प्रतिरोध विद्युत धारा या विभवांतर पर निर्भर नहीं होता, यानी उनका प्रतिरोध स्थिर रहता है।

भिन्न-भिन्न V-I वैशिष्ट्य, जो अलग-अलग प्रतिरोध के सूचक हैं

Resistivity geometry.png

समान धारा घनत्व मानते हुए, किसी वस्तु का विद्युत प्रतिरोध, उसकी भौतिक ज्यामिति (लम्बाई, क्षेत्रफल आदि) और वस्तु जिस पदार्थ से बना है उसकी प्रतिरोधकता का फलन

l उसकी लम्बाई है

A अनुप्रस्थ परिच्छेद क्षेत्रफल है, और

ρ वस्तु की प्रतिरोधकता है

इसकी खोज जार्ज ओह्म ने सन 1820 ई. में की। [1], विद्युत प्रतिरोध यांत्रिक घर्षण के कुछ कुछ समतुल्य है। इसकी SI इकाई है ओह्म (चिन्ह Ω) prtrodh=volt/ampiyer

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