पर सारे देश के......अपने-अपने विद्यापति हैं' इस वाक्य का क्या अर्थ है? पाठ पढ़कर मालूम करो और लिखो।
Class 6 NCERT Hindi Chapter ‘लोकगीत’
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‘लोकगीत’ के लेखक भगवतशरण उपाध्याय जी हैं। इस निबंध में लेखक ने लोकगीत के बारे में जानकारी दी है। मनोरंजन के प्रमुख साधनों में लोकगीत सबसे प्रमुख साधन है। लोक गीत का अर्थ जनता का गीत। लोकगीत की भाषा गांवों की भाषा होती है। लोकगीत सीधे दिल को छू लेता है। लोकगीतों का वर्णन कालिदास ने भी अपने ग्रंथों में भी किया है।
उत्तर :-
“पर सारे देश …….अपने-अपने विद्यापति हैं।” इस वाक्य का अर्थ है कि लोकगीतों को रचने वाले प्रत्येक क्षेत्र में अलग-अलग होते हैं। जैसे पूर्व की बोलियों में अधिकतर मैथिल कोकिल विद्यापति के गीत गाए जाते हैं। उसी प्रकार से सारे देश में कश्मीर से कन्याकुमारी तक और काठियावाड़ , गुजरात, राजस्थान से उड़ीसा तक सभी क्षेत्रों में लोकगीत वहां की स्थिति पर वहां के रचनाकारों द्वारा लिखे जाते हैं। इसलिए कहा है कि प्रत्येक क्षेत्र के अपने-अपने विद्यापति होते हैं।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।
उत्तर :-
“पर सारे देश …….अपने-अपने विद्यापति हैं।” इस वाक्य का अर्थ है कि लोकगीतों को रचने वाले प्रत्येक क्षेत्र में अलग-अलग होते हैं। जैसे पूर्व की बोलियों में अधिकतर मैथिल कोकिल विद्यापति के गीत गाए जाते हैं। उसी प्रकार से सारे देश में कश्मीर से कन्याकुमारी तक और काठियावाड़ , गुजरात, राजस्थान से उड़ीसा तक सभी क्षेत्रों में लोकगीत वहां की स्थिति पर वहां के रचनाकारों द्वारा लिखे जाते हैं। इसलिए कहा है कि प्रत्येक क्षेत्र के अपने-अपने विद्यापति होते हैं।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।
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कवि विद्यापति बड़े प्रसिद्ध कवि हैं आज भी विद्यापति के गीत पूरब में हमें सुनने के लिए मिलते हैं। परन्तु यहाँ पर कवि के कहने का तात्पर्य यह है कि अपने-अपने इलाके में जो लोग इस प्रकार के लोकगीतों की रचना करते हैं वे विद्यापति हैं।
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