Hindi, asked by renuverma04445, 8 months ago

पर सूर्य का
अभ्यास प्रण
होने लगा,
हुआ रुधिर
गद्यांश पर आधारित प्रश्न
(i) उपर्युक्त
(ii) प्रस्तुत
(iii) प्रात
(iv) प्रस
.
तारों व
चाहिए
लिए
निम्नलिखित गद्यांशों को पढ़कर उनके नीचे दिये गये प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
अंधकार के विकट वैरी महाराज अंशुमाली अभी तक दिखायी भी नहीं दिये। तथापि उसके सारथि अरुण हीने,
तेज से अपने शत्रुओं का पराभव करने की शक्ति रखते हैं, उनके अग्रगामी सेवक भी कम पराक्रमी नहीं होते। स्वामी
अवतीर्ण होने के पहले ही, थोड़े ही नहीं, समस्त तिमिर का समूल नाश कर दिया। बात यह है कि जो प्रतापी
न देकर वे खुद ही उनके विपक्षियों को उच्छेद कर डालते हैं। इस तरह, अरुण के द्वारा अखिल अन्धकार का तिरोभाव
ही बेचारी रात पर आफत आ गयी। इस दशा में वह कैसे ठहर सकती थी। निरुपाय होकर वह भाग चली।​

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Answered by rakeshpandeytnt
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