Hindi, asked by sudhanandigama, 3 months ago

परी से संबंधित एक कहानी आप लिखो।​

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Answered by Merajansari12
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लाल परी की कहानी Story of Red Fairy in Hindi

मां आज मुझे परियों वाली कहानी सुनाओ ना। खुशी को परियों की कहानी सुनना बहुत पसंद था वह अपनी मां से हफ्ते में एक बार जरूर परियों की कहानी सुनती थी क्योंकि वह खुद परी जैसी थी। मां बोली बेटा थोड़ी देर रुको किचन का सारा काम खत्म करके मैं आती हूं तब तुमको परियों की कहानी सुनाती हुँ।

ख़ुशी जल्दी से अपने कपड़े बदलकर बिस्तर पर आकर माँ का इंतज़ार करने लगी। माँ किचन का सारा काम खत्म करके आई फिर खुशी को अपनी गोद में बिठाकर परी की कहानी सुनाना शुरू की।

बहुत समय पहले की बात है एक लाल परी थी जिसको रानी परी की बहुत ही चाहती थी। लाल परी अगर कुछ भी मांगती तो रानी परी उसे मना नहीं करती, उसकी सभी इच्छाओं को पूरी करती थी। एक दिन जब लाल परी खेल रही थी तो उसके मन में एक विचार आया की पृथ्वी लोक पर चलकर सैर किया जाए और पृथ्वी वासी कैसे रहते हैं वह जानना चाहिए।

लाल परी ने अपनी इच्छा रानी परी के सामने रखी। रानी परी ने पहले तो मना किया फिर राजी हो गयी। लाल परी को पृथ्वी लोक पर जाने की अनुमति दे तो दी लेकिन रानी परी की एक शर्त भी थी।

पृथ्वी लोक पर तुम रात को ही जा सकती हो और सूरज की पहली किरण निकलने तक तुम को वापस आना पड़ेगा नहीं तो तुम्हारे ऊपर सूर्य की पहली किरण पड़ते ही तुम्हारा पंख निकल जाएगा अर्थात् तुम्हारा पंख तुमसे अलग हो जायेगा और तुम परी लोक वापस नहीं आ पाओगी, हमेशा के लिए पृथ्वी लोक पर रहना पड़ेगा।

लाल परी ने कहा ठीक है क्योंकि वह पृथ्वी लोक पर जाने के लिए बहुत उत्सुक थी। रानी परी ने लाल परी से बोला लेकिन तुम अकेले नहीं जाओगी तुम्हारे साथ तीन परियां और जाएंगी, जो तुम्हारी देखभाल और मदद करेंगी।

तीनों पारियां भी बहुत खुश हुई क्योंकि उनको भी पृथ्वी लोक पर जाने का मौका मिला था। रात होने का वह सब बहुत बेसब्री से इंतजार कर रही थी। पृथ्वी लोक पर जैसे अंधेरा हुआ रानी परी ने सभी परियों को आंखें बंद करने के लिए कहा और चारों को पृथ्वी लोक भेज दिया।

जब चारों परियों ने थोड़ी देर बाद आँखे खोली तो सबने देखा कि उनके चारों तरफ सुंदर सुंदर फूल और तितलियां फूलों पर मंडरा रही थी और ठंडी ठंडी हवा चल रही थी।

फिर परियों ने नाचना शुरू कर दिया और न जाने कहां से धीमे धीमे संगीत की आवाज़ आ रही थी। जैसे ही संगीत सुनाई देना बन्द हुआ तभी ख़ुशी धीरे से अपने बिस्तर से उतरी और अपने कमरे की खिड़की खोली। तो देखती है सारी पारियां उसके ही आँगन में उतरी है।

ख़ुशी ने देखा लाल परी ने एक लालरंग का गाउन पहना हुआ था और सर पर एक छोटा सा मुकुट और उस पर लालरंग का पत्थर चढ़ा हुआ था। चारों तरफ मध्यम नीले रंग का प्रकाश फैला हुआ था।

लाल परी के चारों तरफ तीनों परियां मग्न होकर नाच रही थी , जो लालपरी ही जितनी सुन्दर दिख रही थी और सभी परियों को यह भनक भी नही थी कि उन्हें दो नन्ही आंखें मोहित होकर देख रही हैं। खुशी के कमरे से वह नजारा एकदम साफ दिखता था। माँ ने आज तक जो परियों की कहानी उसको सिखायी थी आज वो साक्षात देखकर मंत्रमुग्ध हो रही थी।

खुशी परियों के देखकर ऐसे मोहित हो गई थी कि उसे समय का कुछ पता ही ना चला। वह माँ की कहानी सुनते सुनते सो गयी थी उसको पता भी नही चला। “ख़ुशी” उठो जल्दी स्कूल नही जाना, देर हो रही है।

खुशी की मां ने सुबह-सुबह आवाज़ लगाई तो खुशी चौककर उठी और बोली – ये क्या, मै तो सपना देख रही थी। ख़ुशी अपने आँगन में जाकर देखने लगी और वहाँ पर उसको चमकता हुआ एक पत्थर मिला उसको उठाकर ख़ुशी ने अपने स्कूल बैग में रख लिया और तैयार होकर स्कूल चली गयी।

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