पर्सनालिटी डेवल्पमेंट क्या है?
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आप एक मूवी देखने गए, आप लाइन में खड़े है, पीछे से एक व्यक्ति आया और लाइन तोड़ कर सबसे पहले खिड़की के नजदीक पहुच गया।इसी स्थिति तक़रीबन हर किसी के साथ होती है। और इसी स्थिति पे आपका रिएक्शन आपकी Personality को प्रकट करता है। आपके रिएक्शन से आपका attitude बनता है, और आपके attitude से लोगो के बीचे में आपका इमेज।
ये आपके रिएक्शन पर निर्भर करता है कि आप movie को एन्जॉय कर पाओगे के नहीं। सही रिएक्शन आपको तनाव से बचाता है और आपकी इमेज को अच्छा बनता है जबकि गलत रिएक्शन आपको थकान देता है और आपकी इमेज को भी ख़राब करता है।
स्थिति को हैंडल करना एक कला है, जिसका आपकी personality पर अच्छा प्रभाव पढता है और आप उससे बड़ी हर स्थिति को वैसे ही हैंडल करते हो
अब इस स्थिति में जो मैंने मूवी के खिड़की के आगे के लाइन की स्थिति बताई है। इस स्थिति में तीन रिएक्शन हो सकते है।
1) आप लाइन तोड़ रहे बन्दे को देखते हो भड़क जाते हो और चिल्लाते हो। और कहते हो “ओ भाई हम भी लाइन में खड़े है लाइन में आओ” और जब वो बन्दा आपके पीछे नहीं खड़ा होता जाता आपको चेन नहीं मिलता है।
2) आप शांति से खड़े रहते है कि यार अब क्या कर सकते है, बरदास तो करना ही पड़ेगा ना।
3) आप मुस्कुराते हुए बड़े अच्छे व्यव्हार से उस व्यक्ति को कहते हो “सुनिए भाई शाहब आप प्लीज लाइन में आ जाइये, थैंक यू”
अब आपको क्या लगता है कोनसा रिएक्शन सही है?
पहला भड़कना और चिल्लान, ये रिएक्शन सही नहीं है और सायद आप भी इस बात को मानते हो कि यह रिएक्शन सही नहीं है। लेकिन जानते हुए भी इसी रिएक्शन को देखते हो।
और इसे रिएक्शन के कितने साइड इफ़ेक्ट है ये सायद आपने सोचे भी नहीं होगे। आपकी BP हाई हुआ, आपको थकान मिली, जगडा बढ़ सकता है और आपकी एंजोयमेंट वो भी ख़तम।
हर बार गुस्स्सा आपके चेहरे पे एक जुर्री छोड़ देता है और आप इस अगले seen को अपने साथ दौराते हो। और अपने घर में अपने workplace में इस पर बार-बार बातचीत करते हो।
और इस तरह आप का जो व्यवहार है वो एसा ही बन जाता है और हर स्थिति पे आप ऐसा ही react करते हो।
दूसरा शांति से खड़े रहना और बरदास करना ये सायद आप करते भी नहीं हो और करना भी नहीं चाहिए आपके दिमाग में अपने बारे में एक इमेज बनता है जो समय के साथ-साथ और गहरा होता जाता है और आपका जो आत्मविश्वास है वो कम होता जाता है। इससे आपका एक व्यवहार बन जाता है कि हर जगह पर पीछे-पीछे ही रहना है।
यह व्यवहार आपको कभी जितने नहीं देता है, जोखिम लेने की क्षमता कम कर देता है और धीर-धीरे आप success से दूर हो जाते हो और failure के नजदीक होते होते हो।
अब बचा तीसरा शिष्टाचार, नर्मता से, मुस्काराते हुए अपनी बात कहनी और थकान भी ना लेना और गुस्सा भी नहीं होना।
मेरे अनुभव यह कहता है की ज्यादातर समय आपकी मुस्कराहट आपको जीता देता है। लेकिन फिर भी वो व्यक्ति नहीं मानता है तो मेरी राय है कि शांत रहिये लेकिन किसी भी हालत पहले वाले रिएक्शन पे नहीं जाना है। तीसरा रिएक्शन से यानी मुस्कुराते हुए रहने से 10 स्थिति में से आप 7 स्थिति पर आप जरुर ही जीत जाओगे।
और इस तरह से आपका confidence बढ़ने लगेगा और इस तरह से आपका पॉजिटिव/सकारात्मक attitude होगा। लोगो के बिच में आपकी इमेज और अच्छा होगा। आपकी इज्जत बढ़ेगी और लोग आप पर विश्वास करेगे। आपको थकान भी नहीं होगी और आपका personality भी सही रहेगा।
और यह attitude आपको success के और नजदीक ले जाएगा।
ये आपके रिएक्शन पर निर्भर करता है कि आप movie को एन्जॉय कर पाओगे के नहीं। सही रिएक्शन आपको तनाव से बचाता है और आपकी इमेज को अच्छा बनता है जबकि गलत रिएक्शन आपको थकान देता है और आपकी इमेज को भी ख़राब करता है।
स्थिति को हैंडल करना एक कला है, जिसका आपकी personality पर अच्छा प्रभाव पढता है और आप उससे बड़ी हर स्थिति को वैसे ही हैंडल करते हो
अब इस स्थिति में जो मैंने मूवी के खिड़की के आगे के लाइन की स्थिति बताई है। इस स्थिति में तीन रिएक्शन हो सकते है।
1) आप लाइन तोड़ रहे बन्दे को देखते हो भड़क जाते हो और चिल्लाते हो। और कहते हो “ओ भाई हम भी लाइन में खड़े है लाइन में आओ” और जब वो बन्दा आपके पीछे नहीं खड़ा होता जाता आपको चेन नहीं मिलता है।
2) आप शांति से खड़े रहते है कि यार अब क्या कर सकते है, बरदास तो करना ही पड़ेगा ना।
3) आप मुस्कुराते हुए बड़े अच्छे व्यव्हार से उस व्यक्ति को कहते हो “सुनिए भाई शाहब आप प्लीज लाइन में आ जाइये, थैंक यू”
अब आपको क्या लगता है कोनसा रिएक्शन सही है?
पहला भड़कना और चिल्लान, ये रिएक्शन सही नहीं है और सायद आप भी इस बात को मानते हो कि यह रिएक्शन सही नहीं है। लेकिन जानते हुए भी इसी रिएक्शन को देखते हो।
और इसे रिएक्शन के कितने साइड इफ़ेक्ट है ये सायद आपने सोचे भी नहीं होगे। आपकी BP हाई हुआ, आपको थकान मिली, जगडा बढ़ सकता है और आपकी एंजोयमेंट वो भी ख़तम।
हर बार गुस्स्सा आपके चेहरे पे एक जुर्री छोड़ देता है और आप इस अगले seen को अपने साथ दौराते हो। और अपने घर में अपने workplace में इस पर बार-बार बातचीत करते हो।
और इस तरह आप का जो व्यवहार है वो एसा ही बन जाता है और हर स्थिति पे आप ऐसा ही react करते हो।
दूसरा शांति से खड़े रहना और बरदास करना ये सायद आप करते भी नहीं हो और करना भी नहीं चाहिए आपके दिमाग में अपने बारे में एक इमेज बनता है जो समय के साथ-साथ और गहरा होता जाता है और आपका जो आत्मविश्वास है वो कम होता जाता है। इससे आपका एक व्यवहार बन जाता है कि हर जगह पर पीछे-पीछे ही रहना है।
यह व्यवहार आपको कभी जितने नहीं देता है, जोखिम लेने की क्षमता कम कर देता है और धीर-धीरे आप success से दूर हो जाते हो और failure के नजदीक होते होते हो।
अब बचा तीसरा शिष्टाचार, नर्मता से, मुस्काराते हुए अपनी बात कहनी और थकान भी ना लेना और गुस्सा भी नहीं होना।
मेरे अनुभव यह कहता है की ज्यादातर समय आपकी मुस्कराहट आपको जीता देता है। लेकिन फिर भी वो व्यक्ति नहीं मानता है तो मेरी राय है कि शांत रहिये लेकिन किसी भी हालत पहले वाले रिएक्शन पे नहीं जाना है। तीसरा रिएक्शन से यानी मुस्कुराते हुए रहने से 10 स्थिति में से आप 7 स्थिति पर आप जरुर ही जीत जाओगे।
और इस तरह से आपका confidence बढ़ने लगेगा और इस तरह से आपका पॉजिटिव/सकारात्मक attitude होगा। लोगो के बिच में आपकी इमेज और अच्छा होगा। आपकी इज्जत बढ़ेगी और लोग आप पर विश्वास करेगे। आपको थकान भी नहीं होगी और आपका personality भी सही रहेगा।
और यह attitude आपको success के और नजदीक ले जाएगा।
Anonymous:
hi u r too beautiful yaar
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