परासरण क्रिया में प्रयुक्त अर्द्ध-पारगम्य झिल्ली का क्या महत्त्व है?
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➲ परासरण क्रिया में प्रयुक्त अर्ध पारगम्य झिल्ली का महत्व यह है कि यह झिल्ली परासरण की प्रतिक्रिया में उच्च सांद्रता वाले क्षेत्र से कम सांद्रता वाले क्षेत्र की ओर विलायक के अणु को ले जाती है। यह प्रक्रिया तब तक चलती रहती है, जब तक झिल्ली के दोनों तरफ की मात्रा बराबर नहीं हो जाए।
अर्द्ध-पारगम्य झिल्ली के माध्यम से होकर गुजरने वाले तरल पदार्थ को विलायक के रूप में जाना जाता है, तरल पदार्थ में जो पदार्थ होता है उसे विलेय के रूप में जाना जाता है। परासरण की प्रक्रिया में अर्द्ध-पारगम्य झिल्ली दोनों विलायक अणुओं को उच्च सांद्रता वाले क्षेत्र से कम सांद्रता वाले क्षेत्र की ओर ले जाती है।
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