परिश्रम का फल विषय पर कहानी लिखिए
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एक गांव में मानसिंह नाम का किसान रहता था ।उसके पास कई खेत थे । वह दिन -रात खेतो में लगा रहता था | उसके चार बेटे थे । सभी कमजोर थे । मानसिंह जब भी खेत में उन्हे हाथ बटाने के लिए कहता, वे सभी कोई न कोई वहाना बना लेते । एक दिन गांव के मंदिर में एक महात्मा जी आए| गांव के कई लोग महात्मा जी के दर्शन के लिए गए । मानसिंह भी उनकी प्रसिद्धि सुनकर उनके पास गया | उन्होंने महात्मा से अपने बेटो के आलस्य के बारे में बताया|महात्मा ने मानसिंह से कहा कि तुम चिंता मत करो| तुम्हारे बेटे एक दिन सही मार्ग पर अवश्य आएंगे| उन्होंने मानसिंह को एक उपाय बताया| अगले ही दिन मानसिंह अपने बेटो के पास गया । उसने अपने बेटो से कहा, हमारे पीपल बाले खेत में खजाना दबा हुआ है| जाओ उसे खोद ले आओ । इतना सुनते ही चारो ने मिलकर पीपल बाले खेत को खोद डाला ,लेकिन वहां उन्हें कोई खजाना नहीं मिला । तीनो गुस्से में पागल हो उठे । अपने पिता के पास गए । उन्होंने कहा,” पिता जी आपने हमसे बेकार इतनी मेहनत कराई,वहां कोई खजाना नहीं मिला |
उस वक़्त तो मानसिंह चुप रहा, लेकिन कुछ दिनों के बाद वह अपने बेटो को खेत पर ले गया । उस साल वर्षा भी अच्छी हुई थी । पूरा खेत फसल से लहलहा रहा था । मानसिंह ने उनसे कहा,” बेटो यह फसल ही तो खजाना हे । यदि तुम हर साल यू ही मेहनत करोगे ,तो तुझे ऐसा ही खजाना मिलेगा । उसके बाद से वे सभी मिलकर दिन- रात अपने पिता के साथ खेतो में मेहनत करने लगे | इस कहानी से हमें यही शिक्षा मिलती है की मेहनत का फल हमेसा मीठा होता है |