'परिश्रम का महत्व
कीविड-19 में
आनलाइन शिक्षा
इन दोनों विषय पर आप हमें
अनुच्छेद लिख कर
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ऑनलाइन शिक्षा सुविधाजनक
ऑनलाइन शिक्षा बहुत सुविधाजनक है। इसमें विद्यार्थी कहि भी बैठकर शिक्षा ले सकता है। इसके लिए कोई एक ही जगह निश्चित नहीं होती ओर गर्मी जैसे मौसम में भी विद्यार्थी को राहत प्राप्त होती है। विद्यार्थोयों को इस तिलमिलाती गर्मी में घर के बहार ही नही जाना पड़ता ओर वो घर बैठे ही शिक्षा प्राप्त कर लेते है।
ऑनलाइन शिक्षा से टेक्नोलॉजी की जानकारी
जैसा कि हम सब को पता ही है कि बच्चों की इस वक्त ऑनलाइन शिक्षा चल रही हैं। और इस बजह से ही बहुत से बच्चों ने वीडियो चेटिंग जैसी नई टेक्नोलॉजी को सिखा है और अपनी पढ़ाई कर रहे है।
लगातार इस तरह की ऑनलाइन क्लासेस से बच्चे अपने टीचरों से पढ़ने का नया तरीका सिख रहे है और पढ़ने में भी रुचि ले रहे है। पढ़ाई के बदलते परिवेश ने पढ़ाई को भी मनोरंजक ओर रोमांचित बना दिया है।
जबकि स्कूल जाकर टीचरों के संपर्क में रहकर यही पढ़ाई उन्हें बोर ओर थकावट भरी लगती हैं। टेक्नोलॉजी की जानकारी उन्हें मजेदार लगने के साथ ही, घर में रहकर पढाना बच्चो को ज्यादा दिलचस्प और आरामदाय लग रहा है।
ऑनलाइन शिक्षा के नुकसान
ऑनलाइन शिक्षा के जँहा बहुत से लाभ है वही इसके नुकसान भी है। जो की शारीरिक से लेकर मानसिक रूप में भी सही नहीं दिखाई पड़ते है। उन्ही में से कुछ हानियां इस प्रकार है।
इंटरनेट का दुरुपयोग
ऑनलाइन से सबसे बड़ा नुकसान यही है कि माता -पिता चाहे उनके आर्थिक परिस्थिति के विपरित जाकर बच्चों को मोबाइल, लेपटॉप, कम्प्यूटर जैसी सुविधा उपलब्ध करा दे। पर बच्चे क्या उससे सही शिक्षा ले रहे है, इन बातों से वो अनजान रहते है। और बच्चे इसी बात का गलत फायदा उठा कर उसमे गेम खेलने लगते है। या गलत चीजे खोल लेते है, जो कि उनके लिए सही नहीं है।
शिक्षक विद्यार्थी में सामंजस्य स्थापित नही होना
ऑनलाइन शिक्षा का दूसरा नुकसान शिक्षक और बच्चों में सामंजस्य स्थापित नहीं हो पाना है। यदि यही शिक्षा पारंपरिक रूप में होती, तो विद्यार्थी नहीँ समझ आने पर क्लास में टीचर से उसी वक्त उस विषय पर डिसकस कर लेता है।
परंतु ऑनलाइन शिक्षा में इस तरह से शिक्षक बच्चों को समझा नहीं पाते और विद्यार्थी भी समझ नहीं पाता और विषय दोनों के रूप में अनुकूल नहीं रह पाता। ऑनलाइन शिक्षा में उस तरह का माहौल नहीँ बन पाता, जिस प्रकार का माहौल एक क्लास रूम में होना चाहिए।
ऑनलाइन शिक्षा का शारीरिक नुकसान
ऑनलाइन शिक्षा के उपयोग से शिक्षक और स्टूडेंट दोनों को ही शारीरिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बच्चे जब 6-8 घण्टे लगातार ऑनलाइन शिक्षा ग्रहण करते है, तो कम्प्यूटर, लेपटॉप की स्क्रीन की रोशनी से उनकी आँखों मे बुरा असर पड़ता है। जिससे उनकी स्किन ओर बॉडी डल हो रही है, जो कि शारीरिक तौर पर काफी नुकसान दायक है।
ओलॉइन शिक्षा में ध्यान की कमी
जब कोइ विद्यार्थी स्कूल में जाकर अपनी पढ़ाई पर सही तरह से ध्यान नहीं दे पाता, तो ऑनलाइन शिक्षा में कहा ध्यान दे पाएगा। उसमे वो डर नहीं रहता जो कि स्कूल में पढ़ाई करते वक्त विद्यार्थी में रहता है। ऑनलाइन शिक्षा में विद्यार्थी कई तरह के बहाने बना कर बीच मे ही अपना लेसन छोड़ देता है, जो कि गलत है।
ऑनलाइन शिक्षा सभी को उपलब्ध कराना मुश्किल
ऑनलाइन शिक्षा सभी के लिए उपलब्ध नहीं हो पाती। जो व्यक्ति दो वक्त की रोटी के लिए ही दिन रात एक कर देता है, वो अपने बच्चों के लिए कम्प्यूटर, मोबाइल ओर लेपटॉप जैसी सुविधा कहा से उपलब्ध करा सकता है। जिसके चलते गरीब घर के बच्चों की पढ़ाई आगे नहीं बढ़ पाती और वो घर मे ही रहने को मजबूर हो जाते है।
उपसंहार
इस प्रकार हमने देखा कि कोरोना काल के चलते शिक्षा में भी काफी परिवर्तन आये है। जँहा व्यक्ति नई टेक्नोलॉजी से रूबरू हो रहा है, वही उसके दुरूपयोग भी दिखाई दे रहे है। ऑनलाइन शिक्षा के लाभ और हानियां दोनों ही है, परंतु इन सब बातो को छोड़कर सबसे जरूरी है शिक्षा का मिलना।
शिक्षा किसी भी रूप में हो परंतु विद्यार्थी की शिक्षा नहीँ छूटनी चाहिए, इस बात को महत्वपूर्ण स्थान देना जरूरी है। इसलिए ऑनलाइन शिक्षा आज कल के शिक्षा के माध्यम का सबसे बड़ा साधन है।