Hindi, asked by veeerljaglan3, 9 months ago

परिश्रम का महत्व पर निबंध लिखिए class 9​

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Answered by sj4362860
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भूमिका : मनुष्य के जीवन में परिश्रम का बहुत महत्व होता है। हर प्राणी के जीवन में परिश्रम का बहुत महत्व होता है। इस संसार में कोई भी प्राणी काम किये बिना नहीं रह सकता है। प्रकृति का कण-कण बने हुए नियमों से अपना-अपना काम करता है। चींटी का जीवन भी परिश्रम से ही पूर्ण होता है। मनुष्य परिश्रम करके अपने जीवन की हर समस्या से छुटकारा पा सकता है| सूर्य हर रोज निकलकर विश्व का उपकार करता है।
वह कभी भी अपने नियम का उल्लंघन नहीं करता है। वह पर्वतों को काटकर सडक बना सकता है, नदियों पर पुल बना सकता है, जिन रास्तों पर काँटे होते हैं उन्हें वह सुगम बना सकता है। समुद्रों की छाती को चीरकर आगे बढ़ सकता है। नदियाँ भी दिन-रात यात्रा करती रहती हैं। वनस्पतियाँ भी वातावरण के अनुसार परिवर्द्धित होती रहती हैं। कीड़े, पशु, पक्षी अपने दैनिक जीवन में व्यस्त रहते हैं।

ऐसा कोई भी कार्य नहीं है जो परिश्रम से सफल न हो सकें। जो पुरुष दृढ प्रतिज्ञ होते हैं उनके लिए विश्व का कोई भी कार्य कठिन नहीं होता है। वास्तव में बिना श्रम के मानव जीवन की गाड़ी चल नहीं सकती है। श्रम से ही उन्नति और विकास का मार्ग खुल सकता है। परिश्रम और प्रयास की बहुत महिमा होती है। अगर मनुष्य परिश्रम नहीं करता तो आज संसार में कुछ भी नहीं होता। आज संसार ने जो इतनी उन्नति की है वह सब परिश्रम का ही परिणाम है।

परिश्रम और भाग्य : कुछ लोग परिश्रम की जगह भाग्य को अधिक महत्व देते हैं। ऐसे लोग केवल भाग्य पर ही निर्भर होते हैं। वे भाग्य के सहारे जीवन जीते हैं लेकिन उन्हें यह नहीं पता होता है कि भाग्य जीवन में आलस्य को जन्म देता है और आलस्य जीवन मनुष्य के लिए एक अभिशाप की तरह होता है। वे लोग यह समझते हैं कि जो हमारे भाग्य में होगा वह हमें अवश्य मिलेगा। वे परिश्रम करना व्यर्थ समझते हैं।
भाग्य का हमारे जीवन में बहुत महत्व होता है लेकिन आलसी बनकर बैठे हुए असफलता के लिए भगवान को कोसना ठीक बात नहीं है। आलसी व्यक्ति हमेशा दूसरों के भरोसे पर जीवन यापन करता है। वह अपने हर काम को भाग्य पर छोड़ देता है। हमारे इसी भाव की वजह से भारत देश ने कई वर्षों तक गुलामी की थी। परिश्रम से कोई भी मनुष्य अपने भाग्य को भी बदल सकता है।
जो व्यक्ति आलसी होते हैं वे केवल भगवान के लिखे हुए पर आश्रित होते हैं। हम सभी के मन में हीनता की भावना पैदा हो गई है लेकिन जैसे-जैसे हमने परिश्रम के महत्व को समझा तो हमने पराधीनता की बेड़ियों को तोडकर स्वतंत्रता की ज्योति जलाई थी। कायर व्यक्ति हमेशा कहते रहते हैं कि हमें भगवान देगा। अगर परिश्रम करने के बाद भी हमें सफलता नहीं मिलती है तो हमे इस पर विचार करना चाहिए कि हमारे परिश्रम में क्या कमी थी।
परिश्रम का महत्व : परिश्रम का बहुत अधिक महत्व होता है। जब मनुष्य के जीवन में परिश्रम खत्म हो जाता है तो उसके जीवन की गाड़ी रुक जाती है। अगर हम परिश्रम न करें तो हमारा खुद का खाना-पीना, उठना-बैठना भी संभव भी नहीं हो पायेगा। अगर मनुष्य परिश्रम न करे तो उन्नति और विकास की कभी कल्पना ही नहीं की जा सकती थी। आज के समय में जितने भी देश उन्नति और विकास के स्तर पर इतने ऊपर पहुंच गये हैं वे भी परिश्रम के बल पर ही ऊँचे स्तर पर पहुँचे हैं।

परिश्रम से अभिप्राय होता है वो परिश्रम जिससे विकास और रचना हो। इसी परिश्रम के बल पर बहुत से देशों ने अपने देश को उन्नति और विकास के शिखर पर पहुँचा दिया है। जो परिश्रम व्यर्थ में किया जाता है उसका कोई अर्थ नहीं होता है। जिन व्यक्तियों के जीवन में आलस भरा होता है वे कभी भी जीवन में उन्नति नहीं कर सकते हैं। आज मनुष्य ने परिश्रम से अपने जीवन को उन्नति और विकास के शिखर पर पहुँचा लिया है। परिश्रम के बिना किसी भी प्राणी का जीवन व्यर्थ होता है।
Answered by itztalentedprincess
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परिश्रम:

परिश्रम जीवन में बहुत ही जरूरी है बिना परीक्षण के आपको कुछ भी नहीं मिलेगा परिश्रम करेंगे तभी आपको मिलेगा कुछ और यह बहुत ही जरूरी है स्वास्थ्य के लिए भी लेकिन कुछ लोग सिर्फ किस्मत और भाग्य पर निर्भर रहते हैं और सोचते हैं कि जो भाग्य में लिखा है वही मिलेगा लेकिन यह गलत है अगर आप मेहनत करेंगे तो आप अपना भाग्य भी बदल सकते भाग में लिखा हुआ बदल सकते हैं I

उदाहरण की एक कहानी:

एक गांव में एक गरीब परिवार रहता था जिसमें पति-पत्नी और एक बच्चा रहता था, उस बच्चे का नाम गोलू था I वह 1 दिन परेशान होकर अपने पिता से पूछा कि पिताजी हम लोग इतने गरीब क्यों है तो पिताजी बोलता है सब भाग्य में लिखा था तो फिर वह अपनी मां से पूछा मां के भाग्य का होता है तो उसकी मां गुस्सा में बोलती है मुझे क्या पता I सोनी रासो के अगले दिन एक मंदिर में गया और एक पंडित से मिला तो वह पंडित बोला कि तुम अगले हफ्ते अपने पिता के साथ मेरे पास आना तो वह अगले हफ्ते अपने पिता की रात मंदिर पहुंचा और पंडित ने उसके पिता के बोला कि यह बच्चा का भाग्य बहुत अच्छा है बस थोड़ी सी परीक्षण कर लो तो भाग्य चमक जाएगा तुम्हारा सब के पिताजी बोले क्या करना पड़ेगा मुझे पंडित जी पंडित जी बोले कि तुम रोजा के कुएं के पास खेती करो और देखना तुम्हारा भाग्य चमक जाएगा तो जैसा पंडित ने कहा खेती करने वह रोज पर खेती करता हर एक दिन की खेती करते करते एक घड़ा मिला सोने से भरा घर आकर बोला कि मुझे देखो क्या मेरा और वह पंडित जी हमें भाग्य के भरोसे नहीं बैठना चाहिए अगर कोई परिश्रम करेंगे तुम्हारा भाग्य बदल सकता है और बोला कि साधारण नहीं है यह जादुई घड़ा है इसमें सोना खत्म भी हो जाएगा तो अपने आप फिर से आ जाएगा कभी खत्म नहीं होगा यह सोना I और ऐसे ही समझाते हो पंडित जी ने समझाया कि कभी भी भाग्य के भरोसे नहीं बैठो अगर आप परिश्रम करते हो तो भाग्य बदल सकते हो I

हमें इस कहानी से क्या शिक्षा मिलती है:

हमें कहानी चाहिए शिक्षा मिलती है कि अगर आप परिश्रम करते हो तो आप जीवन में कुछ भी हासिल कर सकते हो आपके लिए कुछ भी मुश्किल नहीं है बस आप थोड़ी मेहनत करो थोड़ी परिश्रम कर लो आप देखना आपका भाग्य चमक जाएगा I

जैसे भारत के सैनिक करते हैं भारत के सैनिक अपने भारत को बचाने के लिए अपनी जान से खेलते हैं I और 14 फरवरी को बहुत से सैनिक अपनी जान दे दिए थे भारत के लिए इसलिए भारत में 14 फरवरी को "Black day" के नाम से जाना जाता है और सैनिकों को याद किया जाता है जो अपनी जान कुर्बान लगा देते हैं सिर्फ भारत के लिए I हमें भी कुछ परिश्रम करनी चाहिए उन सैनिकों के तरह वह सैनिक को हमारे लिए जान देते हैं तो हम थोड़ी सी मेहनत क्यों नहीं कर सकते हैं I

जय हिंद जय भारत

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