Art, asked by shivkumarmaurya7200, 1 year ago

परिश्रम का महतव समझाते हु मित्र को पत्र

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Answered by pinu6
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Priya mitra
Anil
Me tuje ye patra likh raha hu kyoki hamare jivan me parishram ka bahut hi mahtva hota hai kehte ki parishram e j parasmani parishram.
Hamare jivan me parishram na ho to hamara jivan adhura hai hame koi bhi chij paane ke liye parishram to karna hi padta hai.
Tumari mata ka patra mila unhone muje kaha ki tere pehli exam me kam percentage aaye hai jiske karan ruje lagta hai ki tu s. s. c me fail ho jayega. Lekin tu aisa sochne ki jagah pe aisa aoch ki me bahut hi aache marks se paas ho jaunga aur bhi jyada parishram karunga aur zindagi me kuch kar dikhaunga.
Asha raktha hu ki aache marks se pass ho kar muje patra likh kar batayega. Dost parishram ke bina jivan adhura hai.
Choti behen riya ko prem aur mata,pita ko pranam.
Tera priye
Dost
Priyanshu
Answered by Anonymous
18

Answer:

परिश्रम का महतव समझाते हु मित्र को पत्र

दिनांक : ०२/०२/२०२०

स्थान : कंचनपुर

प्रिय मित्र

महेंद्र

मैं कुशलता से हूं आशा करता हूं तुम भी ठीक-ठाक और स्वस्थ होंगे । दरअसल मैं इस पत्र के माध्यम से तुम्हें कुछ महत्वपूर्ण चीजें बताना चाहूंगा ‌। किसी भी कार्य को पूरा करने के लिए हमें परिश्रम की आवश्यकता होती है । और परिश्रम जीवन की कुंजी होती है । यहां ऐसी कोई वस्तु नहीं जो बिना परिश्रम की मिलती हो । इसलिए हर मानव परिश्रम करता है । तुम बहुत ही कम परिश्रम करते हो । इसलिए मैं इस पत्र के माध्यम से तुम्हें परिश्रम का महत्व बता रहा हूं । जैसे हम अपने क्लास में ही परिश्रम करते हैं तो प्रथम स्थान तक पहुंचते हैं । कोई बिजनेसमैन परिश्रम करता है तो वह अपने बिजनेस में ऊंचाइयों तक पहुंचता है । इसीलिए हर कामयाबी के पीछे परिश्रम का ही हाथ होता है । परिश्रम करने से ही सफलता मिलती है । बिना परिश्रम इंसान खुश नहीं कर सकता । आशा है तुम्हें परिश्रम का महत्व समझ आ गई होगी ।

तुम्हारा प्रिय मित्र

नेतन

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