परिश्रम करने पर ही हमें सफलता मिलती है। परिश्रम करने से अभ्यास की आदत भी पड़ जाती है और
में हम निपुण होते चले जाते हैं। हमारी एकाग्रता भी बढ़ती है।
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परिश्रम मानव जीवन का वह हथियार है जिसके बल पर भारी से भारी संकटों पर भी जीत हासिल की जा सकती है । परिश्रम वह गुण है जिसे अपना लेने पर व्यक्ति के दु:ख मिट जाते हैं । परिश्रम सफलता का मूल मंत्र है । यह कभी भी बेकार नहीं जाता । संसार परिश्रमी व्यक्तियों का लोहा मानता है । परिश्रमी लोगों ने संसार में बड़े-बड़े कारनामे कर दिखाए हैं । वे बाधाओं से लड़ते हुए अपने जीवन-लक्ष्य की प्राप्ति कर ही लेते हैं । किसान और मजदूर अनथक श्रम करते हुए संसार को भोजन , वस्त्र और आवास प्रदान करते हैं । व्यापारियों और पूंजीपतियों के श्रम से दश में रोजगार के नए-नए अवसर प्राप्त होते हैं । जिन लोगों ने परिश्रम को पूजा माना है संसार ने उनकी पूजा की है । जीवन की दौड़ में श्रम करनेवाला विजयी होता है लेकिन आलसी लोगों को हार का मुँह देखना पड़ता है । इसलिए हमें परिश्रमशील और कर्मठ बनना चाहिए । परिश्रम से भाग्य को भी बदला जा सकता है ।