'परिश्रम और भाग्य' शीर्षक पर एक कहानी लिखिए
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राम और श्याम दोनों अच्छे दोस्त थे । वो दोनों दसवीं कक्षा में पढ़ते थे। राम पढ़ने में बहुत होनहार था और श्याम हमेशा भाग्य के भरोसे रहता था । जब उनका परीक्षा होने वाला था तब राम बहुत मेहनत करता था और श्याम को भी मेहनत करने के लिए कहता था। पर श्याम राम की एक नहीं सुनता था वो हमेशा कहता था कि जो भाग्य में लिक्खा होगा वहीं होगा । दोनों की परीक्षा खत्म हो गई । परीक्षा का परिणाम घोषित हुआ । परिणाम में राम सबसे अव्वल आया था और श्याम को अच्छा अंक नहीं आया । क्युकी उसने किताब को खोल कर देखा भी नहीं था और सब कुछ भाग्य के भरोसे छोड़ दिया था ।
भाग्य भी उन्हीं का साथ देती है जो परिश्रम करते है ।
भाग्य भी उन्हीं का साथ देती है जो परिश्रम करते है ।
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