परिश्रम और भागय में बलवान कौंन ? निबंध लिखे 150 शब्दो में
Answers
✨परिश्रम और भाग्य में बलवान कौन?
‘भाग्य’ के दरवाजे पर सर पीटने से बेहतर हैं,
‘कर्म’ का तूफ़ान पैदा करे सारे दरवाजे खुल जायेंगे….
परिश्रम और भाग्य मैं से परिश्रम सबसे बलवान है क्योंकि परिश्रम से भाग्य बदला जा सकता है। आज के समय में कोई भी इंसान बिना परिश्रम के नहीं रह सकता अतः सब परिश्रम को ही महत्व देते हैं। इसका यह एक उदाहरण हो सकता है कि हीरा कोयला की खदान में पाया जाता है परंतु थोड़ा सा हीरा पाने के लिए कई पत्थरों को खोदा जाता है जिसमें परिश्रम लगता है ना कि भाग्य!
भाग्य के सहारे बेरोजगार लोग जीते हैं और परिश्रम के सहारे मेहनती अतः दूसरों पर निर्भर न रहने वाले लोग जीते है।
आज के समय में परिश्रम से ही सफलता मिलती है अतः लक्ष्य को पाने के लिए और सफलता बनाए रखने के लिए परिश्रम मायने रखता है। भाग्य के सहारे जीने वाले लोगों को कभी सफलता नहीं मिलेगी क्योंकि कर्म से भाग्य को बदला जा सकता है परंतु भाग्य के भरोसे एक समय का भोजन भी संभव नहीं है।
इसलिए हमें भाग्य से ज्यादा परिश्रम को महत्व देना चाहिए। हमें अगर जीवन में लक्ष्य प्राप्ति करनी है तो हमें मेहनत तो करनी ही होगी। जिस प्रकार सोना तप कर निखरता है उसी प्रकार मनुष्य का परिश्रम भी उसे सफलता की ऊंचाई तक पहुंचाता है।।
Explanation:
It's true to a certain extent. As Henry Ford says, "The harder you work, the luckier you get!" With hard word, one needs to have the necessary skills. There shall be many obstacles in the path of attaining success but it only the resilient who would keep going till the achievement of their goal.
यह कुछ हद तक सही है। जैसा कि हेनरी फोर्ड कहते हैं, "आप जितना कठिन काम करते हैं, भाग्य आपको मिलता है!" कठिन शब्द के साथ, एक के लिए आवश्यक कौशल होना चाहिए। सफलता पाने की राह में कई रुकावटें आएंगी, लेकिन यह केवल निश्चिंत है, जो अपने लक्ष्य की प्राप्ति तक चलते रहेंगे।