परिश्रम सफलता की कुंजी है इस वाक्य में परिश्रम "है"
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what is that question I am not understanding
Answer:मानव जीवन में परिश्रम बहुत आवश्यक है। परिश्रम ही सफलता की कुंजी है। परिश्रम द्वारा छोटे से छोटा मनुष्य बड़ा बन सकता है। परिश्रम के द्वारा सभी कार्य सम्भव हैं। यदि मनुष्य कोई भी काम कठोर परिश्रम एवं दृढ़ संकल्प लेकर करता है तो वह उस काम में सफलता अवश्य पाता है।
जीवन के प्राचीन युग से लेकर आधुनिक युग तक ग्राम-नगरों का विकास, अनेक उपकरणों एवं मशीनों का शिल्प लेकर वायुयान तक का निर्माण परिश्रम द्वारा ही सम्भव हुआ है। संसार में मानव अधिक परिश्रम कर अपनी तकदीर बदल सकता है।
विभिन्न अर्थशास्त्रिष्यों एवं इतिहासकारों द्वारा परिश्रम को ही जीवन का सार माना गया है। संसार की किसी भी वस्तु का निर्माण परिश्रम बिना सम्भव नहीं है। परिश्रमी व्यक्ति को दूसरों पर निर्भर रहने की आवश्यकता नहीं होती, वह अपना कार्य स्वंय कर लेते हैं।
आज मानव ने परिश्रम के द्वारा संसार में स्वर्ग उतारने की कल्पना को साकार कर दिया हैं | कठोर परिश्रम करके ही मानव ने अनेक आविष्कार किये हैं जो मानव जीवन में बहुत उपयोगी हैं। मनुष्य के मनोरंजन ने दूरदर्शन, सिनेमा, मोबाइल, कम्प्यूटर एवं अनेक प्रकार के मनोरंजन के साधनों का आविष्कार किया है। ये सब केवल परिश्रम द्वारा ही सम्भव हो सकता है। यदि मानव परिश्रम नहीं करेगा तो वह सरल से सरल काम को भी कठिनाई से पूर्ण करेगा। परिश्रमी मनुष्य कभी भी भूखा नहीं रह सकता। परिश्रमी व्यक्ति के लिए सफलता उसकी दासी के रूप में होती है।
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