Hindi, asked by jiya257sharma, 3 days ago

'परिश्रम सफलता की कुंजी है'
पर अनुच्छेद ( 80-100शब्द )
संकेत बिन्दु चीत्र में दिए गए है |​

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Answered by priyavishwakrma4820
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सफलता की हर कहानी कठोर परिश्रम के पसीने से लिखी गई है। पत्थर-यग से आज के अंतरिक्ष-युग तक सभ्यता का विकास अगणित पुरुषार्थियों के परिश्रम का ही परिणाम है। उन्होंने ही अन्न उपजाया, वस्त्र बनाए, भवन, पुल, सड़क, बांध बनाए, नई-नई खोजें, नए-नए आविष्कार किए। यदि एक प्रयत्न में असफल हो जाने पर एडीसन प्रयत्न करना छोड़ देता, तो क्या हमारे जीवन में विद्युत की यह जगमग होती? यदि लाखों देशभक्तों ने स्वेद-रक्त न बहाया होता और भाग्य के भरोसे हाथ पर हाथ रखकर बैठ गए होते तो क्या हमें कभी स्वतंत्रता का सुख प्राप्त हो सकता था ? परिश्रम के बिना सफलता के उच्च शिखरों को छू सकना संभव नहीं। संस्कृत की प्रसिद्ध उक्ति है-'न हि सप्तस्य सिंहस्य प्रविशंति मखे मगाः' अर्थात् सिंह जैसे शक्तिशाली जानवर को भी शिकार करके ही पेट भरना होता है-सोते हुए सिंह के मख में हिरन स्वयं प्रवेश नहीं करता। "दैव-दैव" की पुकार तो आलसी करते हैं और जीवन-भर कुछ नहीं कर पाते। उद्यमी व्यक्ति अपने श्रम से निरंतर सफलता के नए-नए शिखरों को चूमता आगे बढ़ता जाता है।

'प्रकृति नहीं डर कर झुकती है, कभी भाग्य के बल से,

सदा हारती वह मनुष्य के उद्यम से, श्रम-जल से

Answered by thakrearti83900
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मानव जीवन मे परिश्रम बहुत आवश्यक हे. परिश्रम सफलता की कुंजी हे. परिश्रम द्वारा छोटे से छोटा मनुष्य बडा बन सकता है. परिश्रम के द्वारा सभी कार्य संभव हे. यादी मनुष्य कोई भी काम कठोर परिश्रम से दृढ संकल्प लेकर करता हे तो वाह औस काम में सफलता आवश्य पता हे...

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