परित्वक के घटक स्तरों के नाम लिखिए ?
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प्राथमिक वृद्धि पादप में शीर्षस्थ विभज्योतक द्वारा होती है। जिससे पौधा लम्बाई में बढ़ता है। पत्तियों के आधार पर पर्णो (internodes) व पर्णो (nodes) पर अन्तर्वेशी विभज्योतक से प्राथमिक वृद्धि होती है। पौधे की मोटाई में वृद्धि तथा छाल, कॉर्क इत्यादि का निर्माण द्वितीयक वृद्धि के फलस्वरूप होता है। इसके लिए पार्श्व विभज्योतक अर्थात् अन्त:पूलीय तथा अन्तरापूलीय व कॉर्क एधा द्वितीयक वृद्धि करती है। द्वितीयक वृद्धि के फलस्वरूप द्वितीयक जाइलम व फ्लोएम तथा वल्कुट बढ़ता है।
Answer:
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Explanation:
प्राथमिक वृद्धि पादप में शीर्षस्थ विभज्योतक द्वारा होती है। जिससे पौधा लम्बाई में बढ़ता है। पत्तियों के आधार पर पर्णो (internodes) व पर्णो (nodes) पर अन्तर्वेशी विभज्योतक से प्राथमिक वृद्धि होती है। पौधे की मोटाई में वृद्धि तथा छाल, कॉर्क इत्यादि का निर्माण द्वितीयक वृद्धि के फलस्वरूप होता है। इसके लिए पार्श्व विभज्योतक अर्थात् अन्त:पूलीय तथा अन्तरापूलीय व कॉर्क एधा द्वितीयक वृद्धि करती है। द्वितीयक वृद्धि के फलस्वरूप द्वितीयक जाइलम व फ्लोएम तथा वल्कुट बढ़ता है।
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