पराधीन को अपना जीवन कैसा प्रतीत होता है?
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Answer:जीवन में स्वतंत्र रहने का अपना अलग ही महत्व है। सभी सुख सुविधाएँ मिलकर भी इसके मूल्य को कम नहीं कर सकती हैं। यह सही है कि पराधीन व्यक्ति को स्वप्न में भी सुख नहीं मिल पाता है क्योंकि पराधीन व्यक्ति दूसरों के अधीन होता है और सुख से दूर-दूर तक वंचित रहता है। सुख का एहसास उसके लिए दुर्लभ होता है।
Explanation:जीवन में स्वतंत्र रहने का अपना अलग ही महत्व है। सभी सुख सुविधाएँ मिलकर भी इसके मूल्य को कम नहीं कर सकती हैं। यह सही है कि पराधीन व्यक्ति को स्वप्न में भी सुख नहीं मिल पाता है क्योंकि पराधीन व्यक्ति दूसरों के अधीन होता है और सुख से दूर-दूर तक वंचित रहता है। सुख का एहसास उसके लिए दुर्लभ होता है।
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