पराधीनता एक अभिशाप पर अनुच्छेद लिखिए
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पराधीनता चाहे व्यक्तिगत हो अथवा राष्ट्रीय , उससे मनुष्य के चरित्र का पतन हो जाता है और तरह - तरह के दोष उत्पन्न हो जाते हैं । इसलिए पराधीनता को कवियों ने एक ऐसी ' पिशाचिनी की उपमा दी है जो मनुष्य के ज्ञान , मान , प्राण सबका अपहरण कर लेती है । दूसरों को पराधीन बनाना सबसे बड़ा अन्याय है ।
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ogohkhgxhckljpbufjvonljlnp
Explanation:
gjgjvigjvjvhlchchchzfcjck
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