पराधीनता सपने हैं सुख नहीं इस पर अनुच्छेद लिखिए
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पराधीन व्यक्ति का स्वामी जैसा व्यवहार चाहे वैसा व्यवहार उसके साथ कर सकता है। पराधीन सपनेहुँ सुख नाहीं – इस उक्ति का अर्थ होता है कि पराधीन व्यक्ति कभी भी सुख को अनुभव नहीं कर सकता है। सुख पराधीन और परावलंबी लोगों के लिए नहीं बना है। पराधीन एक तरह का अभिशाप होता है।
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पराधीनता सपने हैं सुख नहीं इसपराधीनता सपने हैं सुख
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