" परिवार के बड़ों से हमारा व्यवहार " -- एक पत्र लिखें ।।
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हमारे बुजुर्ग हमारे घर व
परिवार की शान हैं। जिस घर में बड़े बुजुर्गों को मान दिया जाता है वह घर भरपूर और
कुशल रहता है। बुजुर्गों के आशीर्वाद से हमारे काम सफल होते हैं और हम उन्नति करते
हैं। वे हमारे घर की बुनियाद हैं। यदि बुनियाद सकुशल होगी तो ईमारत को बल और लाभ
प्राप्त होगा।
माता पिता बच्चों का पालन
पोषण करते हैं। बच्चों की खुशी के लिए वे अपना सर्वस्व अर्पण करते हैं। बच्चे उनकी
आँखों के तारे होते हैं। वे अपने बच्चों के लिए ऊँचे ऊँचे अरमान रखते हैं और सपने
सजाते हैं। वे अपना आराम त्याग करके बच्चों को आराम देते हैं।
इसलिए वे पूज्य होते हैं।
हमें उनका आदर करना चाहिए। बड़ी उम्र में शरीर कमज़ोर हो जाता है और बीमारियाँ घेर
लेती हैं। ऐसे में बुजुर्गों को सहारा देना हमारा कर्तव्य है। हमें उनके साथ प्रेम
पूर्वक व्यव्हार करके उन्हें मानसिक संतोष प्रदान करना चाहिए।
परिवार की शान हैं। जिस घर में बड़े बुजुर्गों को मान दिया जाता है वह घर भरपूर और
कुशल रहता है। बुजुर्गों के आशीर्वाद से हमारे काम सफल होते हैं और हम उन्नति करते
हैं। वे हमारे घर की बुनियाद हैं। यदि बुनियाद सकुशल होगी तो ईमारत को बल और लाभ
प्राप्त होगा।
माता पिता बच्चों का पालन
पोषण करते हैं। बच्चों की खुशी के लिए वे अपना सर्वस्व अर्पण करते हैं। बच्चे उनकी
आँखों के तारे होते हैं। वे अपने बच्चों के लिए ऊँचे ऊँचे अरमान रखते हैं और सपने
सजाते हैं। वे अपना आराम त्याग करके बच्चों को आराम देते हैं।
इसलिए वे पूज्य होते हैं।
हमें उनका आदर करना चाहिए। बड़ी उम्र में शरीर कमज़ोर हो जाता है और बीमारियाँ घेर
लेती हैं। ऐसे में बुजुर्गों को सहारा देना हमारा कर्तव्य है। हमें उनके साथ प्रेम
पूर्वक व्यव्हार करके उन्हें मानसिक संतोष प्रदान करना चाहिए।
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